CPI(M) समर्थक होने के कारण केंद्र ने जज के रूप ने नियुक्ति से किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा: जजशिप से इनकार करने के लिए राजनीतिक पृष्ठभूमि पर्याप्त कारण नहीं

Mar 13, 2024 - 19:26
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CPI(M) समर्थक होने के कारण केंद्र ने जज के रूप ने नियुक्ति से किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा: जजशिप से इनकार करने के लिए राजनीतिक पृष्ठभूमि पर्याप्त कारण नहीं

12 मार्च, 2024 को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बैठक की। उक्त बैठक में कॉलेजियम ने केरल हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति के लिए मनोज पुलम्बी माधवन के नाम की सिफारिश की। मनोज की उपयुक्तता का मूल्यांकन करने में कॉलेजियम ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध सभी सामग्रियों का मूल्यांकन और जांच की। न्याय विभाग ने पाया कि मनोज सीपीआई (एम) समर्थक हैं और उन्हें एलडीएफ सरकार द्वारा 2010 और 2016-2021 में सरकारी वकील के रूप में नियुक्त किया गया।

कॉलेजियम ने कहा कि यह टिप्पणी कि मनोज सीपीआई (एम) समर्थक हैं, 'बेहद अस्पष्ट' है। इसमें कहा गया कि किसी उम्मीदवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि जज के रूप में उसकी नियुक्ति को अस्वीकार करने के लिए पर्याप्त कारण नहीं हो सकती। कॉलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया, "यह इनपुट कि उम्मीदवार को सीपीआई (एम) का समर्थक माना जाता है, अन्यथा अस्पष्ट और ठोस आधार से रहित है। अन्यथा भी, केवल यह तथ्य कि उम्मीदवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है, सभी मामलों में पर्याप्त कारण नहीं हो सकता।"

कॉलेजियम ने पिछले साल मद्रास हाईकोर्ट में जस्टिस विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति का जिक्र करते हुए कहा, "उदाहरण के लिए, हाल के दिनों में एक वकील को हाईकोर्ट जज के रूप में नियुक्त किया गया। हालांकि वह अपनी पदोन्नति से पहले राजनीतिक पार्टी की पदाधिकारी थीं।" साथ ही, कॉलेजियम ने कहा कि सरकारी वकील के रूप में मनोज की नियुक्ति उनकी उम्मीदवारी को अस्वीकार करने के लिए वैध या पर्याप्त आधार नहीं बनती। इसके विपरीत, उन्होंने कहा कि इससे यह संकेत मिलेगा कि मनोज ने विभिन्न प्रकार के मामलों को संभालने में पर्याप्त अनुभव प्राप्त किया होगा, जहां राज्य पक्षकार है। इसमें कहा गया, ''..बार में पर्याप्त अभ्यास के साथ एससी उम्मीदवार होने के नाते उम्मीदवार हाईकोर्ट जज के रूप में नियुक्त होने के योग्य है।''

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