नवरात्रि पर मैहर में लगा भक्तों का तांता, यहां गिरा था मां सती का हार! जानें मंदिर से जुड़ा इतिहास
नवरात्रि के अवसर पर मैहर वाली माता के दरबार में भक्तों का तांता लगा हुआ है. देश के हर कोने से भक्त माता रानी के दर्शन के लिए आ रहे हैं. इस मौके पर हम बताने जा रहे हैं मैहर वाली माता के इतिहास के बारे में.
देश भर में चैत्र नवरात्रि की धूम है, देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. मध्य प्रदेश में भी नवरात्रि पर जमकर उत्साह देखा जा रहा है. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां मैहर स्थित मां शारदा के मंदिर में विशेष श्रृंगार और आरती की गई. मंदिर में देर रात से ही भक्तों का आना शुरू हो गया है. मां शारदा का यह मंदिर पिरामिड आकार की पहाड़ी पर स्थित है. यहां पहुंचने के लिए 1052 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर के इतिहास और महत्व के बारे में.
कहां है मंदिर
सतना जिले के मैहर में स्थित मां शारदा का मंदिर विंध्य पर्वत की श्रेणियों के बीच त्रिकुट पर्वत पर स्थिति है. ऐसी मान्यता है कि यहां मां शारदा की सबसे पहले पूजा आदि गुरू शंकराचार्य ने की थी. विंध्य के त्रिकुट पर्वत का जिक्र पुराणों में भी मिलता है. नवरात्रि के समय में हर दिन यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस मंदिर में श्रद्धालुओं को 1052 सीढ़ी चढ़कर जाना पड़ता है.
गिरा था मां सती का हार
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में मां सती का हार गिरा था, जिसकी वजह से इस जगह का नाम माई का हार पड़ गया. लेकिन अपभ्रंश होकर इसका नाम मैहर हो गया. मां सती का हार गिरने की वजह से इस अंग को मैहर के नाम से जाना जाता है.
इन्होंने की थी खोज
त्रिकुट की पहाड़ी पर स्थित मां शारदा के मंदिर की खोज आल्हा उदल के नायक दो सगे भाईयों ने की थी. कहा जाता है कि आल्हा और उदल मां शारदा के अनन्य भक्त थें, इन्होंने जंगलों के बीच त्रिकुट पर्वत की चोटी पर इस मंदिर को ढूंढ़ निकाले थे. वर्तमान में यह मंदिर आस्था का केंद्र बन चुका है. अब यहां देश-विदेश के कोने-कोने से मां के दर्शन के लिए आते हैं.
उमड़ा जनसैलाब
मैहर वाली माता के दरबार में देश- दुनिया से लोग दर्शन करने आते हैं. आम दिनों की अपेक्षा में नवरात्रि के समय ज्यादा भक्त आते हैं. इस बार भी ये आलम देखने को मिल रहा है, सुबह से ही माता के दरबार में भक्तों का आना शुरू हो गया है. सूबे के मुखिया मोहन यादव भी आज माता रानी के दरबार में हाजिरी लगाएंगे.
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