100 गांवों के किसान क्यों कर रहे दिल्ली कूच, जानें क्या है इनकी मांग?
आंदोलनरत किसान नोएडा और ग्रेटर नोएडा डवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा अधिग्रहीत जमीनों का बढ़ा हुआ मुआवजा और भूखंड की मांग कर रहे हैं.
नोएडा में लगा भारी जाम
पुलिस कर रही किसानों से चर्चा
उत्तर प्रदेश के कई गांवों के किसानों ने दिल्ली कूच कर रहे हैं. किसान दोपहर नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पर जमा हो गए हैं और यहां से दिल्ली कूच करना चाह रहे हैं. किसानों के इस बड़े प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली और नोएडा के इलाओं में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. साथ ही ट्रैफिक विभाग ने भी एडवाइजरी जारी की है. दिल्ली से नोएडा जाने वाली सड़क पर काफी लंबा जाम लगा हुआ है.
धारा-144 लागू हुई
पुलिस किसानों से लगातार बातचीत कर रही है, ताकि किसान लौट जाएं. लेकिन आक्रोशित किसान लौटने मूड में नहीं लग रहे. आसपास के इलाकों में धारा-144 लागू कर दी गई अहि. एकसाथ 5 से अधिक लोगों का इकट्ठा होना मना है. सूरजपुर, सिरसा, दादरी, रामपुर-फतेहपुर, तिलपता और ग्रेटर नोएडा समेत कई स्थानों के रास्तों को डायवर्ट किया गया है. ट्रैफिक पुलिस ने इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को दे दी है.
क्या है किसानों की मांग?
दिल्ली कूच कर रहे किसान अपनी जमीनों का मुआवजा मांग रहे हैं. दरअसल, ये किसान नोएडा और ग्रेटर नोएडा डवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा अधिग्रहीत जमीनों का बढ़ा हुआ मुआवजा और भूखंड देने की मांग कर रहे हैं. इन्होंने राज्य सरकार और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन पर दबाव बढ़ाने के लिए 7 फरवरी को 'किसान महापंचायत' बुलाई. फिर 8 फरवरी को दिल्ली में संसद तक विरोध मार्च निकालने का ऐलान कर दिया.
'10% आवासीय भूखंड की मंजूरी लंबित'
किसान सभा के जिला अध्यक्ष रुपेश वर्मा ने किसानों की मांगों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध नगर में तीनों प्राधिकरणों में किसानों की परेशानी के मुद्दे एक सरीखे ही हैं. इन अथॉरिटीज के पास 10% आवासीय भूखंड की मंजूरी लंबित पड़ी है.
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