MP की इन खास विधानसभा सीटों पर BJP की नजर, दिलचस्प हैं इसके पीछे की वजह

मध्य प्रदेश में इस बार बीजेपी की इस बार कुछ खास विधानसभा सीटों पर विशेष नजर है, जिसकी वजह दिलचस्प है.

Oct 4, 2023 - 09:29
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MP की इन खास विधानसभा सीटों पर BJP की नजर, दिलचस्प हैं इसके पीछे की वजह

मध्य प्रदेश में बीजेपी इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कई सीटों पर कांटे की टक्कर में हार का सामना करना पड़ा था. जिससे पार्टी बहुमत से दूर रह गई थी. ऐसे में इस बार प्रदेश की कुछ खास विधानसभा सीटों पर बीजेपी की विशेष नजर हैं. इसलिए इन सीटों पर पार्टी अभी से तैयारियों में जुट गई हैं ताकि चुनाव से पहले यहां माहौल बनाया जा सके. 

कम मार्जिन से हारने वाली सीटों पर फोकस 

दरअसल, बीजेपी को 2018 के विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर बेहद कम मार्जिन से हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में पार्टी अभी से इन सीटों पर सक्रिए नजर आ रही है. बीजेपी ने यहां बुजुर्ग, दिव्यांग और महिला मतदाताओं से संपर्क बढ़ा दिया है. इसके अलावा पहली बार वोट डालने जा रहे युवाओं पर भी पार्टी की विशेष नजर हैं, ताकि 2018 के गेप को 2023 में भरा जा सके. बीजेपी को पिछले चुनाव में 35 सीटों पर 8000 से कम वोटो से हार का सामना करना पड़ा था. 

इसलिए बीजेपी ने अपने सभी यूथ कार्यकर्ताओं को फर्स्ट टाइम वोटरों, दिव्यांगों और महिलाओं से संपर्क करने की जिम्मेदारी दी है. इसकी मॉनिटरिंग बीजेपी प्रदेश कार्यालय से लगातार की जा रही है. ताकि सभी सीटों पर पार्टी को मजबूत किया जा सके. 

इन सीटों पर कम मार्जिन से हारी थी बीजेपी 

ग्वालियर की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से भाजपा के नारायण कुशवाहा कांग्रेस के प्रवीण पाठक से 121 बेटों से हारे थे.

जबलपुर उत्तर से भाजपा के शरद जैन कांग्रेस के विनय सक्सेना से 578 वोट से चुनाव हार गए थे. 

दमोह विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी जयंत मलैया को 798 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. 

छतरपुर जिले की राजनगर विधानसभा सीट पर बीजेपी के अरविंद पटैरिया को कांग्रेस के विक्रम सिंह नातीराजा से 732 वोटों से हार मिली थी. 

बड़वानी जिले की राजपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को 932 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. 

इसके अलावा भी बीजेपी कई सीटों पर 1000, 2000 और 3000 से भी कम अंतर से हारी थी. इसलिए पार्टी इस बार इन सीटों पर अभी से तैयारियों में जुटी है, जिनमें सबसे जरूरी नए वोटर्स हैं, पार्टी का मानना है कि अगर इन नए वोटर्स को साध लिया जाए तो इन सीटों पर जीत मिल सकती है.