PMLA का सेक्शन 19, जिसके तहत अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है ED
दिल्ली आबकारी घोटाले को लेकर अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय उन्हें कई समन भेज चुकी है. जिसे वो पॉलिटिकल वेंडेटा बताते हुए एजेंसी के आगे पेशी से कन्नी काट रहे हैं. BJP नेता इस वजह से उन्हें चौतरफा घेर रहे हैं.
आम आदमी पार्टी (AAP) के बड़े नेता खासकर दिल्ली सरकार की केजरीवाल कैबिनेट के मंत्री पिछले कई घंटों से लगातार ट्वीट कर रहे हैं कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम गुरुवार को रेड डालकर केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली है. ऐसे दावों के बाद अब अफवाहों का बाजार गर्म है कि ED क्या वाकई ऐसा कुछ तूफानी करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में गिरफ्तार कर सकती है. ऐसे में अगर आप ये सोच रहे हैं कि ED के पास किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने की शक्ति है, तो आपको बताते दें कि इसका जवाब हां है. केंद्रीय एजेंसी पीएमएलए सेक्शन 19 के तहत दिल्ली के सीएम को गिरफ्तार कर सकती है.
धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 क्या है?
PMLA की धारा 19 किसी भी अधिकृत ED अफसर को किसी व्यक्ति के पास मौजूद सामग्री के आधार पर उसे गिरफ्तार करने की अनुमति देती है, जो किसी अवैध/अनैतिक काम में उस व्यक्ति की संलिप्तता का संकेत देती हो. धन-शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 19 (1) में कहा गया है, अगर निदेशक, उप निदेशक, सहायक निदेशक या अन्य बड़े अफसर के पास मौजूद सामग्री (सबूतों) पर विश्वास करने का कारण (ऐसे विश्वास का कारण लिखित रूप में दर्ज किया जाना चाहिए) हो कि अमुक व्यक्ति इस अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध का दोषी है, तब वो उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है और जितनी जल्दी हो सके, ऐसी गिरफ़्तारी के आधारों के बारे में संबंधित पक्षों को सूचना देगा.
इसी तरह PMLA अधिनियम की धारा 19 के तहत दूसरा प्रावधान कहता है कि निदेशक, उप निदेशक, सहायक निदेशक या कोई अन्य अधिकारी गिरफ्तारी के तुरंत बाद एक सीलबंद लिफाफे में अपने कब्जे में मौजूद सामग्री के साथ आदेश की एक प्रति सक्षम/निर्णायक प्राधिकारी को भेजेगा.
वहीं धारा 19 का तीसरा प्रावधान कहता है कि गिरफ्तार किए गए प्रत्येक व्यक्ति को चौबीस घंटे के भीतर विशेष अदालत या न्यायिक मजिस्ट्रेट या मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के पास ले जाया जाएगा.
आपको बताते चलें कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मामलों में ED पहले ही आप नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है. और ये भी सच है कि कई महीनों और कई सुनवाइयों के बावदूद दोनों को अबतक जमानत नहीं मिल सकी है.
यही वजह है कि इस बार जब एजेंसी खुद आप सुप्रीमो को दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए समन पर समन भेज रही है तो अभी तक वो कानून का सम्मान करने की बात तो लगातार कर रहे हैं लेकिन ईडी के सम्मन को वो राजनीति से प्रेरित बता कर उसकी वैधता पर सवाल उठा रहे हैं.
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