इस वजह से उल्टी दिशा में बहती है नर्मदा नदी, जानें इसके पीछे की रोचक पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में पवित्र नदियों में से एक नर्मदा नदी इनकलौती ऐसी नदी है जो और नदियों की तुलना में उल्टी दिशा में बहती है. इसके पीछे एक खास वजह है, जो पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है. आइए विस्तार में इस कथा के अनुसार जानें कि नर्मदा नदी की उल्टी दिशा में बहने की असल वजह क्या है!

Dec 18, 2023 - 11:45
 0  18
इस वजह से उल्टी दिशा में बहती है नर्मदा नदी, जानें इसके पीछे की रोचक पौराणिक कथा

हिंदू धर्म में से सबसे पवित्र नदियों में से एक नर्मदा नदी पूरे विश्व में इकलौती ऐसी नदी है जो अपनी दिशा से बिल्कुल विपरीत दिशा में बहती है. इस नदी को जीवन दायिनी के साथ मोक्ष दायिनी भी माना गया है. बता दें कि गंगा और यमुना नदी के तरह ही इस नदी को भी उतना ही पूजा जाता है. नर्मदा दो राज्यों मध्यप्रदेश और गुजरात से हो कर गुजरती है. इस नदी में करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. पर क्या कभी किसी ने यह जानने कि कोशिश की है कि यही एक ऐसी नदी क्यों है जो अपनी दिशा से ठीक उल्टी दिशा में बहती है, तो आइए विस्तार में इसके बारे में जानें.

जानें नर्मदा नदी की उल्टी दिशा में बहने की वजह

नर्मदा नदी की उल्टी दिशा में बहने के पीछे एक पौराणिक कथा है. नर्मदा नदी को रेवा और शोणभद्र के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार नर्मदा राजकुमारी राजा मेखल की बेटी थी. वह देखने में बेहद ही खूबसूरत थी. नर्मदा के पिता ने उनका विवाह इस शर्त पर तय किया था कि जो राजकुमार गुलबकावली हल्दी की एक प्रकार की जाती का पौधा होता है उसका दुर्लभ पुष्प लेकर आएगा उसी से नर्मदा का विवाह संपन्न करेंगे. जिसके बाद सोनभद्र के राजकुमार इस शर्त को पूरा करते हुए वह दुर्लभ फूल ले आएं. जिसके बाद नर्मदा के पिता ने अपनी बेटी का विवाह राजकुमार के साथ तय कर दिया.  

नर्मदा की रोचक कथा

विवाह तय होने के बाद नर्मदा सोनभद्र के दर्शन करना चाहती थी. जिसके बाद नर्मदा ने अपनी दासी जुहिला के हाथ से प्रेम संदेश भेजा. जुहिला ने नर्मदा से वस्त्राभूषण मांगे और संदेश लेकर निकल गई. जैसे ही वह सोनभद्र के पास पहुंची तो राजकुमार जुहिला को ही नर्मदा समझ बैठै. जिसके बाद जुहिला के नियत में भी खोट आ गई. राजकुमार के प्रणय निवेदन को उसने स्वीकार कर लिया. यहां नर्मदा के सब्र का बांध टूट रहा था.

इसके बाद वह खुद राजकुमार से मिलने निकल पड़ी. वहां पहुंच कर राजकुमार के साथ जुहिला को देख कर वह अपना अपमान सह ना सकी. जिसके बाद कभी ना लौटने के लिए वह उल्टी दिशा में चल पड़ी. सोणभद्र राजकुमार को पछतावा हुआ पर स्वाभिमान में नर्मदा ने कभी पलट कर नहीं देखा. यही वजह है कि वह आजीवन कुंवारी रहने का संकल्प भी लिया.

साभार