गणेश चतुर्थी के अवसर पर बप्पा की प्रतिमा स्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर 10 दिनों तक श्री गणेश महोत्सव की धूम रहेगी. इस बार चतुर्थी 19 सितंबर को होगी और 28 सितंबर को चतुर्दशी के दिन गणपति का विसर्जन होगा. वैसे बहुत से लोग अपने घरों में तीन पांच या अपनी सुविधा के अनुसार एक दिन के ही गणपति को विराजित करते हैं. सभी जानते हैं कि देवताओं प्रथम पूज्य श्री गणेश जी ज्ञान, बुद्धि, ऋद्धि सिद्धि व शांति देने के साथ ही विघ्नहर्ता भी हैं.

Sep 16, 2023 - 10:35
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गणेश चतुर्थी के अवसर पर बप्पा की प्रतिमा स्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान

घर अथवा किसी सार्वजनिक पंडाल में गणपति की स्थापना करनी हो तो भी मिट्टी की प्रतिमा ही लेकर आएं. उन्हें तीन, पांच, सात दिन या फिर पूरे दस दिन के लिए रख सकते हैं. गणेश प्रतिमा को स्वच्छ चौकी पर स्थापित करना चाहिए. गणेश जी को पीले वस्त्रों से सजाया जाता है और खुद भी पीले वस्त्र पहनना उत्तम रहेगा. प्रतिमा के सामने एक कलश रखें जिसमें एक सुपारी और कुछ सिक्के जरूर डालें. श्री गणेश के सामने का कलश संपन्नता प्रतीक माना जाता है और ऐसा करने से आपकी अपनी तिजोरी भी हमेशा भरी रहती है. फिर प्रतिमा को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराने के बाद उन्हें विराजमान होने की प्रार्थना करें.

रोली और अक्षत से टीका कर माला और पुष्प अर्पित करें. सुगंध अर्पित कर दीप जलाएं. इस बात का जरूर ध्यान रखें कि गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय है इसलिए उन्हें मोदक का भोग अवश्य लगाएं, बूंदी के लड्डू का भी भोग लगा सकते हैं. दूब अवश्य ही चढ़ाएं और एक बात जरूर ध्यान रहे कि उन्हें तुलसी दल नहीं चढ़ाना है. जिस स्थान पर गणेश जी विराजमान हों, वहां की सफाई के साथ ही रोशनी भी रखें और उन्हें कभी अकेला न छोड़ें. रात में आप भी अपना बिस्तर वहीं लगा लें लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर समय से पूजन करते रहे जब तक वह विराजमान हैं. शाम को भी आरती करें. 

गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए यह काम करें 

किसी को दुख नहीं पहुंचाना है और असहाय लोगों की सेवा करनी है. असहाय पशु पक्षियों को कष्ट नहीं होने देना है क्योंकि श्री गणेश जी को पशु पक्षी बहुत प्रिय हैं. उन्हें चारा और दाना पानी देने की व्यवस्था करें. गरीब जरूरतमंद लोगों को दान दें. किसी से ऐसी वाणी का प्रयोग न करें जो उन्हें कष्ट देने वाली हो

.10 दिन तक इन कामों से दूर रहें 

जिस घर में गणपति का आह्वान किया जाता है, वहां पर इन 10 दिनों में सात्विक भोजन ही करना चाहिए. दस दिनों तक लहसुन प्याज का सेवन भी न करें, नॉनवेज और शराब आदि व्यसनों की तरफ तो देखना भी नहीं है. चतुर्थी का दिन भगवान गणेश का दिन है, इस दिन चंद्रदर्शन वर्जित होता है. काले कपड़ों से भी बचाव रखें.