गेमचेंजर साबित होंगी नॉर्थ-ईस्ट की 26 सीटें! PM मोदी कैसे सेट करेंगे सियासी गणित
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्वोत्तर की 26 सीटें अहम हो गई हैं. इन सीटों की अहमियत गुजरात, एमपी और राजस्थान जितनी ही है. आइए यहां का सियासी समीकरण जान लेते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मिशन पूर्वोत्तर' के तहत आज असम और अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. इसके जरिए प्रधानमंत्री मोदी नॉर्थ-ईस्ट के 7 राज्यों की 26 लोकसभा सीटों को साधने का प्रयास करेंगे. पूर्वोतर में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का ये दौरा बेहद अहम है. जान लें कि लोकसभा चुनाव में पूर्वोत्तर के राज्य गेमचेंजर के रूप में देखे जा रहे हैं. यहां के 7 राज्यों में मिलाकर 26 सीटें हैं, जो गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों जितनी ताकत रखती हैं. जो भी यहां जीतेगा, उसे अच्छी बढ़त मिल जाएगी. आइए 2024 के लोकसभा चुनाव के हिसाब से पूर्वोत्तर की 26 सीटों का गणित समझ लेते हैं.
नॉर्थ-ईस्ट में कौन किसपर भारी?
बता दें कि 2019 के आम चुनाव में बीजेपी को असम की 14 लोकसभा सीटों में से 7 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस को महज तीन सीटें मिलीं. वहीं AIUDF को 3 सीटों पर जीत मिली थी और एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में गई थी. वहीं ZEE-Matrize ओपिनियन पोल में असम में इस बार भी NDA का जलवा बरकरार रहेगा.
क्या बढ़ पाएगा NDA का ग्राफ?
ओपिनियन पोल के मुताबिक, असम में इस बार NDA को 11 सीट, I.N.D.I.A. गठबंधन को 1 सीट पर जीत मिल सकती है जबकि अन्य के खाते में 2 सीटें जाती दिख रही हैं. अगर अरुणाचल प्रदेश की बात करें तो वहां लोकसभा की दो सीटें हैं 2019 में बीजेपी ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस का खाता नहीं खुल पाया था.
विकास के जरिए सधेगा नार्थ-ईस्ट
पीएम मोदी आज सुबह काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करेंगे. यहां से प्रधानमंत्री अरुणाचल के ईटानगर के लिए रवाना होंगे, जहां ‘विकसित भारत, विकसित उत्तर पूर्व’ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. जहां सेला सुरंग राष्ट्र को समर्पित करने के साथ-साथ 10,000 करोड़ रुपये की उन्नति योजना की शुरुआत भी करेंगे. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में करीब 55,600 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे.
अहोम सेनापति का सम्मान
इसके बाद पीएम मोदी दोपहर करीब सवा बारह बजे असम के जोरहाट में प्रसिद्ध अहोम सेनापति लाचित बोरफुकन की भव्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे. पीएम मोदी जोरहाट में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी असम में 17,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे.
अरुणाचल प्रदेश को कनेक्टिविटी की सौगात
गौरतलब है कि पीएम मोदी आज अरुणाचल प्रदेश को जो सौगात देने जा रहे हैं वो जनता के साथ-साथ सामरिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम है. पीएम मोदी अरुणाचल प्रदेश में कई परियोंजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, जिसमें सबसे अहम सेला सुरंग है. सेला सुरंग चीन बॉर्डर के बेहद नजदीक है और सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम भी है. ये सुरंग चीन की सीमा से लगे तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी मुहैया कराएगी.
अरुणाचल में सेला सुरंग की अहमियत
बता दें कि सेला सुरंग 13000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर दो लेन में बनी दुनिया की सबसे बड़ी सुरंग होगी. अरुणाचल प्रदेश के तवांग और वेस्ट कामेंग जिलों को आपस में जोड़ेगी. टनल पूरी तरह स्वदेशी और अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बनाई गई है. टनल पर बर्फबारी का कोई असर नहीं होगा.
दरअसल सेला टनल की नींव एक अप्रैल, 2019 को प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी, हालांकि तीन साल में काम पूरा होना था, लेकिन कोविड की वजह से देरी हुई. टनल की कुल लागत 825 करोड़ रुपये आई है. सुरंग का काम चौबीसों घंटे जारी रहा, माइनस 20 डिग्री के तापमान पर भी काम पूरा गया. यकीनन सेला टनल चीन की विस्तारवादी नीति से निपटने में कारगर रणनीति साबित होगी.
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