जसप्रीत बुमराह को कप्तान बनते नहीं देखना चाहता भारतीय दिग्गज, अब बताई बड़ी वजह
भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है, लेकिन इससे पहले ही भारतीय सेलेक्टर्स को नया टेस्ट कप्तान चुनना होगा।
भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ले चुके हैं और अब भारतीय टीम को अगले महीने इंग्लैंड दौरे पर जाना है, जहां उसे पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। अब रोहित की जगह कप्तान बनने की रेस में शुभमन गिल, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह के नाम शामिल हैं। वहीं केएल राहुल के नाम पर भी सेलेक्टर्स विचार कर सकते हैं। इन चार में से किसी एक को कप्तान बनाया जा सकता है। अब भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने बताया है कि बुमराह को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान क्यों नहीं बनना चाहिए?
बुमराह को शरीर का ध्यान रखना चाहिए: बुमराह
रवि शास्त्री ने ‘आईसीसी रिव्यू’ में कहा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद मैं मानता हूं कि कप्तानी के लिए जसप्रीत स्पष्ट विकल्प होते। लेकिन मैं नहीं चाहता कि जसप्रीत को कप्तान बनाया जाए। इससे आप एक गेंदबाज के तौर पर उन्हें गंवा सकते हैं। मुझे लगता है कि उसे (बुमराह) हर मैच के दौरान अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए। वह गंभीर चोट के बाद वापसी कर रहा है। अब 10 ओवर, 15 ओवर (टेस्ट में) गेंदबाजी करने की परीक्षा होगी। आप यह नहीं चाहेंगे की कप्तान के नाते उसके दिमाग पर कोई अतिरिक्त दबाव हो।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चोटिल हो गए थे बुमराह
भारत का इंग्लैंड दौरा 20 जून से शुरू होगा। पिछले कुछ समय से विदेशी धरती पर टीम इंडिया के लिए जसप्रीत बुमराह ने शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसे में टीम इंडिया को इंग्लैंड दौरे पर उनकी आवश्यकता होगी। ऑस्ट्रेलिया दौरे बुमराह आखिरी टेस्ट मैच में चोटिल हो गए थे। इसके बाद उन्हें पीठ की चोट से उबरने में 3 महीने लगे। चोटिल होने की वजह से ही वह चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का हिस्सा भी नहीं बन पाए थे। इसके बाद उन्होंने आईपीएल में वापसी की है और 8 मैचों में कुल 13 विकेट हासिल किए हैं।
गिल और पंत को बताया बेहतर खिलाड़ी
रवि शास्त्री ने कहा कि आप किसी को तैयार करते हैं और मैं कहूंगा कि शुभमन गिल बहुत अच्छा विकल्प लग रहा है। उसे मौका दें। वह 25, 26 साल का है, उसे समय भी दें। ऋषभ भी अच्छा विकल्प है। मुझे लगता है कि ये दोनों ही बेहतर खिलाड़ी है और उम्र की कसौटी पर भी खरे उतरते है। उनके पास एक दशक का समय है। उन्हें चीजों को सीखने समझने का मौका मिलना चाहिए।
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