दिल्ली कांग्रेस को बड़ा झटका, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा

इस समय देश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गहमागहमी का माहौल बना हुआ है. अभी तक कुल दो चरणों के मतदान पूरे हो चुके हैं. वहीं, बाकी के पांच चरणों के मतदान होने वाले हैं. इसी बीच कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. खबर आ रही है कि दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

Apr 28, 2024 - 15:19
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दिल्ली कांग्रेस को बड़ा झटका, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा

AAP से गठबंधन के खिलाफ थी दिल्ली कांग्रेस 

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

इस समय देश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गहमागहमी का माहौल बना हुआ है. अभी तक कुल दो चरणों के मतदान पूरे हो चुके हैं. वहीं, बाकी के पांच चरणों के मतदान होने वाले हैं. इसी बीच कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. खबर आ रही है कि दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 

AAP से गठबंधन के खिलाफ थी दिल्ली कांग्रेस 

पार्टी आलाकमान को सौंपे गए अपने पत्र में अरविंदर सिंह लवली ने लिखा, 'दिल्ली कांग्रेस इकाई उस पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठी, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के एकमात्र आधार पर बनी थी. इसके बावजूद पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया.'

पार्टी में खुद को अपंग महसूस कर रहा'

अरविंदर सिंह लवली ने आगे लिखा, 'मैं कई कारणों से खुद को पार्टी में अपंग महसूस कर रहा हूं और पार्टी के अध्यक्ष के रूप में बने रहने में अपने आप को असमर्थ समझ रहा हूं. 31 अगस्त 2023 को मुझे दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं. मैंने पिछले 7-8 महीनों में दिल्ली में पार्टी को फिर से स्थापित करने का भरपूर प्रयास किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पार्टी फिर से उसी स्थिति में पहुंच जाए, जैसी कभी थी.'

'कार्कर्ताओं को सक्रिय करने में की कड़ी मेहनत'

उन्होंने आगे लिखा कि जब मैंने अध्यक्ष पद की शपथ ली थी तो सबको पता है कि उस समय पार्टी इकाई की स्थिति क्या थी. तब से पार्टी को दिल्ली में जीवित करने के लिए मैंने कई उपाय किए. अपने स्थानीय कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की और सैकड़ों कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को पार्टी में शामिल कराया, जो या तो पहले ही पार्टी छोड़ चुके थे या फिर राजनीति में निष्क्रिय हो गए थे. 

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