देश में मध्यप्रदेश अव्वल; CM मोहन यादव ने प्रधानमंत्री आवास को लेकर यह कहा
प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के अंतर्गत आवास पूर्णता में देश में MP पहले स्थान पर है. योजना के अंतर्गत स्वीकृत 49 लाख 42 हजार आवासों में से 39 लाख 5 हजार आवास पूर्ण हो गए हैं.
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन ने कहा कि “पंचायतें सामाजिक-आर्थिक जीवन स्तर के उन्नयन का प्रभावी माध्यम हैं. शासन की कल्याणकारी योजनाओं और विकास गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन में पंचायतराज संस्थाओं की सक्रिय सहभागिता और उनकी व्यवस्थाओं में पारदर्शिता आवश्यक है. प्रदेश की सभी पंचायतों में सभी लोगों को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता का आकलन कराते हुए विकास गतिविधियां संचालित की जाएं. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि त्यौहारों से पहले सभी गांवों में साफ-सफाई सुनिश्चित करें. साथ ही धार्मिक पर्वों पर होने वाले भंडारों और धार्मिक आयोजनों को प्लास्टिक कचरा मुक्त बनाने में ग्राम पंचायतें पहल करें.”
स्वावलंबी गौशालाओं के प्रबंधन का दस्तावेजीकरण किया जाए
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बन रहे आवासों का निर्माण जलवायु की अनुकूलता और ग्रीष्म ऋतु के प्रभाव का आकलन करते हुए किया जाए. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे पीएम आवास काडिजाइन ऐसा हो, जिससे इनकी विशेष पहचान बनी रहे. उन्होंने कहा कि स्वावलंबी रूप में संचालित हो रही गौशालाओं के प्रबंधन का दस्तावेजीकरण किया जाए तथा अन्य जिलों के गौशाला संचालक भी स्वावलंबी प्रबंधन प्रक्रिया का अनुसरण करें. गौशालाओं के प्रबंधन को धार्मिक संस्थाओं और समाज की दान-पुण्य गतिविधियों से जोड़ा जाए. इसके साथ ही जिन स्व-सहायता समूहों के सभी सदस्य लखपति हैं, उन समूहों को प्रदेश में रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाए. स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों को एमएसएमई तथा बड़े उद्योग समूहों से जोड़ने की दिशा में भी प्रयास हो.
परम्परागत आवास निर्माण तकनीकों का कराया रहा रहा है अध्ययन
बैठक में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, मनरेगा, आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत संचालित गतिविधियों और उनकी प्रगति पर विचार-विमर्श हुआ. बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के अंतर्गत आवास पूर्णता में देश में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है. योजना के अंतर्गत स्वीकृत 49 लाख 42 हजार आवासों में से 39 लाख 5 हजार आवास पूर्ण हो गए हैं. योजना के अंतर्गत निर्मित हो रहे आवास स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप बने, इस उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न अंचलों में आवास निर्माण के लिए प्रचलित परम्परागत तकनीकों का भी अध्ययन स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्टिटेक्चर द्वारा कराया गया है. जल गंगा संवर्धन अभियान सहित जल संरक्षण कार्यों में सामूहिक भागीदारी के बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं. वार्षिक लेबर बजट के अंतर्गत आवास कार्यों से 324 लाख मानव दिवस सृजित किए गए. जल गंगा संवर्धन अभियान से 350 लाख मानव दिवस सृजित करते हुए 826 करोड़ रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया. मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति परिवारों को रोजगार देने में देश में प्रथम स्थान पर है.
एक बगिया मां के नाम योजना में 5 जिलों ने दर्ज की बेहतर उपलब्धि
बैठक में बताया गया कि एक बगिया मां के नाम योजना के अंतर्गत सिंगरौली, खण्डवा, बैतूल, देवास और आगर-मालवा जिलों ने बेहतर उपलब्धि दर्ज की है. मां नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थलों की भूमि पर पौधरोपण के साथ फेंसिंग से पौधों को सुरक्षित रखने में मदद मिली है. प्रदेश में 11 संस्थाओं द्वारा बिना आर्थिक सहायता के 85 गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 5 हजार 393 अद्यतन जल संग्रहण संरचनाएं निर्मित की गईं. योजना से नदी पुनर्जीवन की दिशा में भी खण्डवा जिले में घोड़ापछाड़ नदी और रतलाम जिले में मलेनी नदी पर हुए कार्य से अप्रैल-मई माह तक पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सफलता मिली है. बेहतर जल प्रबंधन से क्लस्टर आधारित सब्जी उत्पादन आय का बेहतर विकल्प सिद्ध हो रहा है और किसान फल-सब्जी उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं.
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