अब MP में बिहार की तरह होगी मखाना की खेती; 4 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट लागू
मखाना उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार द्वारा मखाना बोर्ड का गठन भी किया गया है. मध्यप्रदेश की जलवायु भी मखाना के उत्पादन के लिए अनुकूल है. इसलिए प्रदेश के किसानों को इस ओर आकर्षित करने की आवश्यकता है.
मध्यप्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर मखाना की खेती (Makhana Ki Kheti) को प्रोत्साहित किया जाएगा. मध्य प्रदेश के 4 जिलों नर्मदापुरम (Narmadapuram), बालाघाट (Balaghat), छिंदवाड़ा (Chhindwara) और सिवनी (Seoni) में मखाना खेती क्षेत्र विस्तार को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जा रहा है. ये जानकारी मध्य प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री (Horticulture and Food Processing Minister) नारायण सिंह कुशवाह ने दी. उन्होंने इन जिलों के किसानों को योजना से जुड़ने की अपील की है.
मखाने की खेती के लिए उपयुक्त है मध्य प्रदेश Makhana Ki Kheti in MP
मंत्री कुशवाह ने कहा कि मखाने का उत्पादन भी सिंघाड़ा की तरह छोटे-छोटे तालाबों में किया जाता है. बिहार में मखाना उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है मखाने के बीज को फल का स्वरूप प्रदान करने के लिए छोटी-छोटी उत्पादन ईकाइयाँ भी लगाई जाती है, मखाने की भारत सहित अरब और यूरोप के देशों में काफी मांग रहती है.
मखाना उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार द्वारा मखाना बोर्ड का गठन भी किया गया है. मध्यप्रदेश की जलवायु भी मखाना के उत्पादन के लिए अनुकूल है. इसलिए प्रदेश के किसानों को इस ओर आकर्षित करने की आवश्यकता है.
आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण अरविन्द दुबे ने बताया कि प्रदेश के 4 जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा एवं सिवनी जिले में 150 हैक्टेयर क्षेत्र में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. इस पर 45 लाख रूपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है. मखाना उत्पादन करने वाले कृषकों को 75 हजार प्रति हैक्टेयर या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रदेश के 99 कृषकों ने ऑनलाइन आवदेन किया जा चुका है.
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