फिर चर्चा में कमलनाथ, कांग्रेस के घोषणा पत्र कार्यक्रम से बनाई दूरी, क्यों छिंदवाड़ा तक हैं सीमित

मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक बार फिर से चर्चा में हैं, क्योंकि कांग्रेस के एक बड़े कार्यक्रम से उनकी दूरी चर्चा में बनी हुई है.

Apr 11, 2024 - 11:12
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फिर चर्चा में कमलनाथ, कांग्रेस के घोषणा पत्र कार्यक्रम से बनाई दूरी, क्यों छिंदवाड़ा तक हैं सीमित

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बीच सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक बार फिर से चर्चा में हैं. दरअसल, मौका था मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के न्याय पत्र कार्यक्रम का, जिसके लिए पीसीसी में एक बड़ा आयोजन किया गया था, सभी बड़े नेता भी इस आयोजन में एक साथ दिखे, लेकिन कमलनाथ की इस कार्यक्रम से दूरी एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई, वो भी तब जब कमलनाथ मध्य प्रदेश में ही मौजूद थे. लेकिन इस बार उन्होंने अपने आप को एक तरह से छिंदवाड़ा तक ही सीमित कर लिया है. 

कमलनाथ की पीसीसी से दूरी !

बुधवार को कांग्रेस कार्यालय में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने न्याय पत्र जारी किया. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद रहे. लेकिन इस कार्यक्रम से पूर्व सीएम कमलनाथ की दूरी चर्चा में आ गई. जिस वक्त भोपाल में यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा था, उस दौरान कमलनाथ छिंदवाड़ा में सभा कर रहे थे. जिससे एक बार फिर सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि कमलनाथ केवल छिंदवाड़ा पर ही फोकस कर रहे हैं या फिर वह किसी और बात की वजह से इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. 

नामांकन में भी नहीं पहुंच रहे कमलनाथ 

खास बात यह है कि इस बार कमलनाथ का पूरा फोकस केवल छिंदवाड़ा पर ही दिख रहा है, वह छिंदवाड़ा में तो लगातार प्रचार कर रहे हैं, लेकिन अब तक दूसरे किसी भी कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में कमलनाथ की बड़ी सभा आयोजित नहीं हुई है, जबकि उन्होंने नामांकन कार्यक्रमों से भी दूरी रखी है. कांग्रेस ने सभी 28 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, लेकिन कमलनाथ किसी भी नामांकन कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. जबकि उनका नाम मध्य प्रदेश में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में शामिल है. 

छिंदवाड़ा पर फोकस 

दरअसल, इस बार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर मामला दिलचस्प दिख रहा है, बीजेपी यहां आक्रमक तरीके से चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस इस बार पहली बार अग्निपरीक्षा से गुजर रही है, क्योंकि कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ यहां से दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं, लेकिन पहली बार कमलनाथ के करीबी कई नेता उनका साथ छोड़कर बीजेपी का झंडा थाम चुके हैं, ऐसे में बेटे के जिताने के लिए इस बार कमलनाथ ने खुद आगे आकर मोर्चा संभाल लिया है. जिससे छिंदवाड़ा के सियासी गलियारों में यह चर्चा भी चल रही है कि चुनाव में चेहरा भले ही नकुलनाथ का है, लेकिन चुनाव तो कमलनाथ ही लड़ रहे हैं. क्योंकि बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है, इसलिए कमलनाथ हवा का रुख भांपकर केवल छिंदवाड़ा पर फोकस कर रहे हैं. 

कांग्रेस के दूसरे नेताओं की छिंदवाड़ा से दूरी 

खास बात यह भी है कि अगर कमलनाथ की पीसीसी और प्रदेश के दूसरे कार्यक्रमों से दूरी नजर आ रही है, तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता भी फिलहाल छिंदवाड़ा से दूर नजर आ रहे हैं, केवल कमलनाथ के नामांकन में पीसीसी जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार शामिल हुए थे, बाकि कोई बड़ा नेता अब तक नकुलनाथ के समर्थन में सभा करने नहीं पहुंचा है. यहां प्रचार में केवल कमलनाथ का ही पूरा परिवार जुटा हुआ है. 

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