मणिपुर: राष्ट्रपति शासन लगने के 14 दिन बाद आई गुड न्यूज़, हो गया एक बड़ा सरेंडर; भारी मात्रा में हथियार वापस
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के बाद गृह मंत्रालय की कोशिशें रंग ला रही हैं. प्रशासन की ओर से सरेंडर और लूटे गए हथियारों की वापसी के आदेश और अपील का असर देखने को मिल रहा है.
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के बाद गृह मंत्रालय की कोशिशें रंग ला रही हैं. प्रशासन की ओर से सरेंडर और लूटे गए हथियारों की वापसी के आदेश और अपील का असर देखने को मिल रहा है. ताजा बड़ी कामयाबी यानी खुशखबरी की बात करें तो प्रेसिडेंट रूल के 14 दिन बाद एक बड़ा सरेंडर हुआ है. मुख्य धारा में लौटने का वादा करके आए लोग अपने साथ बहुत भारी तादाद में लूटे हए हथियार लेकर वापस आए हैं.
अरामबाई टेंगोल' का सरेंडर
मैतेई संगठन 'अरामबाई टेंगोल' के सदस्यों ने 25 फरवरी को मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात के बाद आज अपने हथियार डाल दिए.
#WATCH | Imphal | The members of 'Arambai Tengol'- a Meitei organisation, today surrendered their arms following their meeting with Manipur Governor Ajay Kumar Bhalla on Feb 25 pic.twitter.com/GUboHG3lui — ANI (@ANI) February 27, 2025
14 दिन पहले लगा था राष्ट्रपति शाषन
आपको बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेंद्र सिंह के इस्तीफे के साथ ही प्रदेश में राष्ट्रपति शासन (President’s Rule in Manipur) लग गया था. मणिपुर में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की और ओर से नए नेता के बारे में कोई फैसला नहीं किया जा सका तो ऐसी स्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था.
हालांकि एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद बीजेपी के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा ने राज्य के पार्टी विधायकों के साथ कई दौर की बातचीत की थी. लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका. पिछले कुछ दिनों में संबित पात्रा ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से दो बार मुलाकात की, फिर भी गतिरोध बरकरार रहा था. आपको बताते चलें कि 12वीं मणिपुर विधानसभा का पिछला सत्र 12 अगस्त, 2014 को संपन्न हुआ था.
साभार