मौत की सजा सुनाने के बाद जज कोर्ट रूम में पेन की निब क्यों तोड़ देते हैं? जानें- क्या है इसके पीछे की बड़ी बात

मृत्युदंड देने या किसी की जान लेने का कार्य इतना 'अपवित्र' माना जाता है कि कलम स्वतः ही कलंकित हो जाती है. इसलिए कलम नष्ट कर दी जाती है.

Jan 23, 2025 - 14:17
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मौत की सजा सुनाने के बाद जज कोर्ट रूम में पेन की निब क्यों तोड़ देते हैं? जानें- क्या है इसके पीछे की बड़ी बात

किसी अपराधी को मौत की सजा सुनाने के बाद जज कोर्ट रूम में अपने पेन की निब क्यों तोड़ देते हैं? यह सवाल सालों से लोगों को हैरान करता रहा है. इसके पीछे कई कहानियां बताई जाती हैं, लेकिन उन सबसे यह एक पहेली सुलझाने जैसा बन गई है.

एक थ्योरी के अनुसार, न्यायाधीश अपनी कलम की निब इसलिए तोड़ देते हैं क्योंकि वह नहीं चाहते कि इसका प्रयोग अब और किसी अन्य निर्णय के लिए किया जाए.

मृत्युदंड देने या किसी की जान लेने का कार्य इतना 'अपवित्र' माना जाता है कि कलम स्वतः ही कलंकित हो जाती है. इसलिए कलम नष्ट कर दी जाती है

दूसरी थ्योरी क्या है?

एक और थ्योरी यह है कि कलम को नष्ट कर दिया जाता है ताकि उसकी अदालत में कोई भी व्यक्ति, जिसमें वह खुद भी शामिल है, उसके फैसले पर सवाल ना उठा सके.

एक बार जब फैसला सुना दिया जाता है तो इसे अंतिम माना जाता है और कोई भी इस पर सवाल नहीं उठा सकता. केवल एक उच्च न्यायालय के पास इसे रद्द करने का अधिकार है.

तीसरी थ्योरी क्या है?

एक अन्य थ्योरी के अनुसार, न्यायाधीश अपराधबोध के कारण अपनी कलम तोड़ता है. किसी अन्य व्यक्ति की जान लेने की शक्ति केवल ईश्वर के पास है, लेकिन एक इंसान होने के नाते वह केवल अपने आधिकारिक कर्तव्य का पालन कर रहा है जो नियमों से बंधा हुआ है. इसलिए, कलम तोड़कर, वह घोषणा करता है कि वह केवल अपने आधिकारिक दायित्व का पालन कर रहा है.

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