रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में पवित्र नर्मदा नदी से भी पहुंचेगा जल, इन 2 संतों को दी गई है खास जिम्मेदारी

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पवित्र नर्मदा नदी का जल भी शामिल होगा. उस जल को पहुंचाने की जिम्मेदारी उज्जैन के 2 संतों को सौंपी गई है.

Jan 11, 2024 - 12:15
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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में पवित्र नर्मदा नदी से भी पहुंचेगा जल, इन 2 संतों को दी गई है खास जिम्मेदारी

अयोध्या में बन रहे रामलला के भव्य मंदिर के लिए ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव को भी आमंत्रित किया गया है. इसके साथ ही ओंकारेश्वर से पवित्र नर्मदा नदी का जल, अंग वस्त्र और प्रसादी को अयोध्या भेजा जाएगा. यह जिम्मेदारी ओंकारेश्वर के महामंडलेश्वर विवेकानंद पुरी जी को दी गई है. विवेकानंद पुरी गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिनिधि है. वही यह पवित्र जल लेकर अयोध्या पहुंचेंगे.  

नर्मदा का पवित्र जल लेकर जाएंगे महामंडलेश्वर

जानकारी के मुताबिक 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए ओंकारेश्वर के दो संतों को भी शामिल होने का न्योता मिला है. ओंकारेश्वर के महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद पुरी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आध्यात्मिक प्रतिनिधि हैं. उन्हें उज्जैन से नर्मदा का पवित्र जल, ज्योर्तिलिंग ओंकारेश्वर की प्रसादी और अंगवस्त्र ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है. 

सीएम योगी भगवान ओंकारेश्वर को दे चुके हैं न्योत

मामले से जुड़े लोगों के मुताबिक यूपी के सीएम और गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ खुद भगवान ओंकारेश्वर को राम लला के प्रतिष्ठा समारोह में पधारने का मानसिक आमंत्रण पहले ही दे चुके हैं. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना भगवान राम के पूर्वज राजा मांधाता की तपस्या के बाद ओमकार पर्वत में हुई थी. इसलिए भगवान राम का सीधा संबंध ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव से भी है. इसलिए मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव को भी आध्यात्मिक आमंत्रित किया गया है.

'मैं भाग्यशाली, मेरा जीवन धन्य हो गया'

ओंकारेश्वर के महंत मंगलदास महाराज को भी अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है. मंगलदास महाराज जी ने कहा कि आज उनका जीवन धन्य हो गया. उन्होंने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं और मेरा मन बहुत प्रफुल्लित है कि मैं साक्षात भगवान राम लला के दर्शन कर पाऊंगा. 

रामलला का ओंकारेश्वर से सीधा जुड़ाव

राम लला का ओंकारेश्वर से सीधा जुड़ाव है. पुराणों में उल्लेख है कि रघुकुल के राजा मांधाता ने यहां नर्मदा किनारे इस पर्वत पर घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और शिवजी के प्रकट होने पर उनसे यहीं निवास करने का वरदान मांग लिया. तभी से प्रसिद्ध तीर्थ नगरी ओंकार-मान्धाता के रूप में पुकारी जाने लगी

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