सावन में राम उपासना से प्रसन्न होते हैं महादेव, क्या है इसके पीछे का गूढ़ रहस्य?

सावन महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है लेकिन इसके साथ-साथ प्रभु राम की भी पूजा करें. इससे भगवान शिव और प्रभु राम दोनों की कृपा होगी.

Jul 23, 2024 - 14:45
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सावन में राम उपासना से प्रसन्न होते हैं महादेव, क्या है इसके पीछे का गूढ़ रहस्य?

भगवान शिव को प्रिय सावन मास की शुरुआत 22 जुलाई से हो गई है. लोगों ने अपनी आस्था अनुसार भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पूजन, नित्य दर्शन, जलाभिषेक, गंगा स्नान, कावड़ यात्रा और कई मंत्रों का जाप शुरू कर दिया है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त के मन में यदि क्षणिक मात्र भी भक्ति हैं, तो उन्हें प्रसन्न करना बहुत आसान है. आइए ज्‍योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी से जानते हैं सावन महीने में प्रभु राम की पूजा करने के लाभ. 

प्रसन्‍न होंगे प्रभु राम 

अगर आप भी शिव भक्ति और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो सावन में भोलेनाथ के साथ प्रभु राम यानी उनके आराध्य को किसी न किसी रूप में जोड़ दीजिए. भगवान महेश्वर अवश्य प्रसन्न होंगे. क्योंकि “राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्र नाम तत्तुल्यं राम नाम वराननेl’’, शंकर-पार्वती संवाद के अनुसार, राम नाम विष्णु सहस्त्रनाम के समान फलदायी है, इसलिए भगवान शंकर, माता पार्वती जी से कहते हैं कि वह सदा राम नाम जपते है. रामचरित मानस में कई ऐसे दृष्टांत हैं, जिनमें दोनों प्रभु एक-दूसरे की आराधना करते दिखते हैं और दोनों ही एक दूसरे को अपना आराध्य मानते हैं. शिव बिना राम और राम बिना शिव अधूरे हैं.

राम नाम का करें जाप

भगवान शिव केवल अपने आराध्य राम की सेवा की खातिर ही हनुमान जी के रूप में अवतरित हुए और उन्होंने साबित कर दिया कि तीनों लोक में उनसे बड़ा राम भक्त दूसरा नहीं है. राम उपासक बनकर शिव कृपा आसानी से पाई जा सकती है, इसलिए जो लोग शिव उपासक है उन्हें राम नाम जपते रहना चाहिए.

जलाभिषेक के समय करें मंत्र उच्चारण

शिव मंत्र ॐ नमः शिवाय एवं श्री राम जय राम जय जय राम' मंत्र का उच्चारण कर शिव को जल चढ़ाने से वह अत्यंत प्रसन्न होते हैं.

करें रामचरितमानस का पाठ

सावन में रामचरितमानस का पाठ करें, ऐसा करने से भी शिवकृपा प्राप्त होती है.

इस तरह से तुलसी और बेलपत्र चढ़ाए

शिव अवतार श्री हनुमान जी को तुलसी की 108 पत्तियों में श्रीराम लिखकर शिवजी को चढ़ाना चाहिए. बेलपत्र में केसर या चंदन से राम लिखकर चढ़ाने से भी शिव कृपा बरसती है. 

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