हाथ मिलाना तो दूर...', भारत के एशिया कप जीतने और ट्रॉफी लेने से इनकार पर क्या बोले MP के CM मोहन यादव
भारत ने एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान को हराकर नौवीं बार खिताब जीता और ट्रॉफी लेने से इनकार कर इतिहास रच दिया. खिलाड़ियों ने पूरी पुरस्कार राशि सेना के विकास हेतु समर्पित की
एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर शानदार जीत दर्ज कर ली है. इंदौर में इस जीत को लेकर उत्साह चरम पर है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस जीत पर खुशी जाहिर कर खिलाड़ियों को बधाई दी है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा, यह बदलते भारत की तस्वीर है. वहीं खिलाड़ियों के द्वारा मैच की पूरी धनराशि सेना के विकास के लिए समर्पित पर भी उन्होंने भारतीय टीम को सराहा है.
मोहन यादव ने दी खिलाड़ियों को बधाई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए कहा कि क्रिकेट में भारतीय टीम ने योद्धा की तरह खेला और यह बदलते भारत का प्रतीक है. उन्होंने प्रधानमंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा कि यह मैदान में धूल चटाने और घर में घुसकर जवाब देने वाले भारत का नया चेहरा है. एएनआई को दिए बयान में मोहन यादव ने गर्व व्यक्त किया कि भारतीय खिलाड़ियों ने सेना के विकास के लिए मैच में मिली पूरी धनराशि समर्पित कर दी और यह कदम देश की भावना को मजबूत करता है.
ट्रॉफी लेने से इनकार पर बोले
सीएम मोहन यादव ने आगे कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने केवल खेल में ही नहीं बल्कि अपने व्यवहार में भी देश की गरिमा को बनाए रखा. उन्होंने ट्रॉफी लेने से इनकार करने पर कहा, "जो इससे जुड़े हुए पक्ष थे केवल उनसे ट्रॉफी लेने से मना कर दिया, बाकी तो हमने देखा ही है हाथ मिलाना तो दूर, निगाह मिलाने में भी हमारे लोग विश्वास नहीं करते, मैं अपने खिलाड़ियों पर भी गर्व करता हूं और बधाई देता हूं.
#WATCH | India defeats Pakistan in #AsiaCupFinal | Indore | Madhya Pradesh CM Mohan Yadav says, "The Prime Minister correctly described the victory... I congratulate the team that dedicated the winning amount for the development of the Indian army and also refused to take the… pic.twitter.com/9M1WpW91Rs — ANI (@ANI) September 29, 2025
मैच और उसके बाद की गूंज
एशिया कप का यह फाइनल रोमांचक और ऐतिहासिक दोनों रहा. भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर नौवीं बार एशिया कप जीत लिया लेकिन ट्रॉफी लेने से इनकार कर एक अनोखा उदाहरण पेश किया. यह घटना क्रिकेट इतिहास में दर्ज हो गई है और इसने दर्शा दिया कि भारतीय क्रिकेट टीम सिर्फ मैदान पर नहीं बल्कि हर मंच पर देश के सम्मान को प्राथमिकता देती है. इस जीत ने न केवल खेल प्रेमियों बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया.
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