4-5 परिवारों का एजेंडा था आर्टिकल 370, इसे न देश चाहता था और न कश्मीरी लोग: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-इन्हीं परिवार के लोगों ने अपने फायदे के लिए आर्टिकल 370 की दीवार खड़ी की थी और कहते थे कि अगर इसे हटाया गया तो आग लग जाएगी. वो कहते थे कि 370 हटा तो कश्मीर में आग लग जाएगी.

May 28, 2024 - 11:04
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4-5 परिवारों का एजेंडा था आर्टिकल 370, इसे न देश चाहता था और न कश्मीरी लोग: PM मोदी

पीएम मोदी ने साधा है निशाना.

कहा-मैंने ध्वस्त की 370 की दीवार.

लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साक्षात्कार देने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आर्टिकल 370 पर खुलकर अपनी राय रखी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिकल 370 केवल देश के 4-5 परिवारों का एजेंडा था, इसे न ही देश के अन्य हिस्सों के लोग चाहते थे और न ही इसे कश्मीरी चाहते थे. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने इस वक्तव्य के जरिए कश्मीर के दो राजनीतिक परिवारों यानी अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार के अलावा गांधी-नेहरू फैमिली पर निशाना साधा है. 

'परिवारों ने फायदे के लिए खड़ी की थी 370 की दीवार'

पीएम मोदी ने कहा-इन्हीं परिवार के लोगों ने अपने फायदे के लिए आर्टिकल 370 की दीवार खड़ी की थी और कहते थे कि अगर इसे हटाया गया तो आग लग जाएगी. वो कहते थे कि 370 हटा तो कश्मीर में आग लग जाएगी. आज ये सत्य हो गया कि 370 हटने के बाद ज्यादा एकता की अनुभूति हो रही है, कश्मीर के लोगों का अपनापन ज्यादा बढ़ रहा है. इसलिए इसका सीधा परिणाम चुनाव में दिखाई दे रहा है, टूरीजम में दिखाई दे रहा है.G20 सम्मेलन वहां होता है तो पूरे शान से कश्मीरी पूरी दुनिया का स्वागत करते हैं. झूठी दीवारें खड़ी कर-कर के कैसे देश को टुकड़ों में देखा गया, इसका ये उदाहरण है और इसको मैंने ध्वस्त किया है.

कश्मीरियों के वोट देने का मतलब, पीएम ने समझाया

पीएम ने कहा कि शुरुआत में कुछ समय तक लोगों को तकलीफ हुई लेकिन ये एक अच्छे उद्देश्य के लिए किया गया काम था. यह देश को बचाने के लिए बेहद जरूरी काम था. दूसरी बात, जब कश्मीर में लोग वोट देते हैं तब इसका मतलब ये नहीं होता कि वो किसी को जीत दिलाने के लिए वोट करते हैं. वोटिंग का मतबल ये है कि मतदाता भारत के संविधान को स्वीकार कर रहा है और देश की भावना के लिए अपना समर्पण प्रदर्शित करता है. 

कश्मीर में टूटा 40 वर्षों का रिकॉर्ड

उन्होंने कहा- और यही कारण है कि कश्मीर में मतदान प्रतिशत ने 40 वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है. यह मेरे लिए बेहद सुकून देने वाली बात है कि मेरे कश्मीरी भाई और बहन वोट देने के लिए पूरे उत्साह के साथ बाहर आए. वोट देकर उन्होंने पूरे विश्व को संदेश दिया है और उन लोगों को भी जिनके मन में संदेह था. 

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