CM शिवराज के गृह क्षेत्र बुधनी में IT की रेड, कंपनी का CS से बताया जा रहा कनेक्शन
मध्य प्रदेश में इन दिनों ईडी व इनकम टैक्स टीम कार्रवाई जारी है. इस बीच आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी की एक कंपनी में इनकम टैक्स ने छापा मारा.
मध्य प्रदेश में इन दिनों ईडी व इनकम टैक्स टीम कार्रवाई जारी है. इस बीच आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी की एक कंपनी में इनकम टैक्स ने छापा मारा. IT ने कंपनी कैम्पस को जांच के लिए सील कर दिया है. इनकम टैक्स टीम के अफसर दर्जनों गाड़ियों से ट्राइडेंट कंपनी पहुंचे हैं. बता दें कि बुधनी विधानसभा में इनकम टैक्स टीम की यह रेड चर्चा का विषय बनी हुई है.
इस कंपनी में पड़ा छापा
बुधनी की ट्राइडेंट कंपनी में इनकम टैक्स की टीम द्वारा कार्रवाई की जा रही है. बता दें कि सीहोर जिले की बुधनी क्षेत्र में स्थित ट्राईडेंट कंपनी का 75 प्रतिशत प्रोडक्ट्स विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाता है. कंपनी का सीएम और सीएस से कनेक्शन बताया जा रहा है. कंपनी के मालिक भी पंजाब के है और एमपी के सीएस भी पंजाब के है. इसी के चलते कंपनी को प्रोमोट किया गया. 2014 में कंपनी का प्रोडक्शन शुरू हुआ था. उस समय इकबाल सिंह सीएम के प्रमुख सचिव के थे.
अन्य जगहों पर भी हुई कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्राइडेंट कंपनी के अलावा नर्मदा इन होटल में भी आइटी टीम के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे. वहां पहुंचकर अफसर दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं. ट्राइडेंट कंपनी के बुधनी, लुधियाना, जालंधर सहित सभी इंडस्ट्री में एक साथ छापामार कार्रवाई हुई. सुरक्षा को लेकर करीब 50 जवान तैनात किए गए है. बुधनी में हुई छापामार कार्रवाई के बाद से सनसनी फैल गई.
CS इकबाल सिंह कर सकते है चुनाव प्रभावित
बुधनी में हुई छापामार कार्रवाई के बाद पूर्व IAS राजा भैया प्रजापति ने इलेक्शन कमीशन को पत्र लिखा है, उन्होंने मध्यप्रदेश के CS इकबाल सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि, इकबाल सिंह के होते निष्पक्ष नहीं हो सकते चुनाव. पूर्व IAS राजा भैया प्रजापति ने इकबाल सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला है. उन्होंने इकबाल सिंह की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है. पूर्व IAS ने कहा- मुझे अशोकनगर कलेक्टर रहते मुझे डिक्टेट किया गया. आज आवश्यकता है चुनाव का समय है. दवाब बनाकर अनैतिक कार्य कराना इकबाल की आदत है.
सीएम तक फाइल नहीं पहुंचने देते सीएस - पूर्व IAS
सीएस इकबाल बैस मुख्यमंत्री तक फ़ाइल नही पहुंचने देते. मनमानी करते हैं, जो अधिकारी उनकी बात नहीं मानता उसको प्रताड़ित करते हैं. अब चुनाव आने वाले 230 रिटर्निंग अफसर रहेंगे. इनके होते पारदर्शिता प्रभावित हो सकती है.