GIS में दिखा सेना का 'कवच', जिस पर खड़े हुए CM मोहन, गोलियां बेअसर, IED होगा फुस्स
भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में जबलपुर व्हीकल फैक्ट्री की खास बुलेटप्रूफ गाड़ी प्रदर्शित की गई. यह गाड़ी भारतीय सेना के लिए खासतौर पर नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के लिए तैयार की गई है.
राजधानी भोपाल में चल रहे ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में जबलपुर व्हीकल फैक्ट्री में बनी खास बुलेटप्रूफ गाड़ी MPV 6X6 प्रदर्शित की गई. इसे सेना के लिए खासतौर पर नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है. इस गाड़ी में भारी विस्फोटों के बावजूद भी जवान सुरक्षित रह सकते हैं.
यह गाड़ी एक तरह से सेना और सीआरपीएफ जवानों के लिए कवच का काम करेगी.
जबलपुर फैक्ट्री में बनी है गाड़ी
इस खास गाड़ी को जबलपुर व्हीकल फैक्ट्री में निर्मित की गई है. MPV 6X6 नक्सल और आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में सेना के लिए एक सुरक्षा कवच है. इसकी खासियत है कि यह भीषण विस्फोटों में भी जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है. इसके खास डिजाइन के चलते अंदर बैठे सैनिकों को किसी भी तरह के हमले में बचाया जा सकता है.
10 जवान बैठ सकते हैं
इस गाड़ी में 10 हथियारबंद जवान, एक ड्राइवर और एक को-ड्राइवर आराम से बैठ सकते हैं. वहीं जवानों की सुरक्षा के लिए गाड़ी में छोड़ी खिड़कियां दी गई है. इन खिड़कियों से जवान बिना खुद को खतरे में डाले गोलियां भी चला सकते हैं. बता दें कि यह गाड़ी खास तौर पर सेना और सीआरपीएफ के लिए डिजाइन की गई है.
CM मोहन ने की सवारी
फैक्ट्री के अधिकारी लवलेश शुक्ला ने बताया कि इस गाड़ी के टायर भी खास हैं. ये फ्लैट रनिंग टायर हैं, जिन पर गोलियों का असर नहीं होता है. यहां तक कि गोली लगने के बाद भी गाड़ी काफी दूर तक चल सकती है. इससे जवान मुश्किल हालात में भी सुरक्षित जगह पर पहुंच सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस स्थिति में गाड़ी करीब 40 किलोमीटर तक चल सकती है. वहीं, इन्वेस्टर समिट के दौरान सीएम मोहन यादव ने भी इस एंडी माइन व्हीकल को जाकर देखा है. उन्होंने गाड़ी के अंदर जाकर भी इसका अवलोकन किया है.
5 करोड़ के करीब है कीमत
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में इस गाड़ी को प्रदर्शित करना भारत की तकनीकी क्षमता को भी दर्शाता है. इससे देश में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम बढ़ेगा. लवलेश शुक्ला ने कहा कि गाड़ी की कीमत करीब 4-5 करोड़ रुपए होगी. अभी सीआरपीएफ और सेना में इसकी सप्लाई हो रही है. साथ ही कुछ विदेशी ऑर्डर भी मिलने की संभावना है।
साभार