आनंदपुर धाम में PM मोदी बोले-जब जब भारत कठिन दौर से गुजरा, ऋषि-मुनियों ने दिखाई नई दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अशोकनगर के आनंदपुर धाम पहुंचे. यहां पीएम बैसाखी और श्री गुरु महाराज जी के अवतरण दिवस के उत्सव में शामिल हुए.
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश के अशोकनगर के ईसागढ़ स्थित श्री आनंदपुर धाम पहुंचे. यहां पीएम ने परमहंस अद्वैत मत के तीन प्रमुख मंदिरों के दर्शन किए. उन्होंने आनंद सरोवर में पुष्प अर्पित किए. इसके बाद उन्होंने मोती हॉल पहुंचकर परमहंस अद्वैत मत के वर्तमान गुरु से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने हॉल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया.
इस कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद रहे.
सभा को किया संबोधित
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज हर गरीब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से खाने की चिंता से मुक्त है, आज हर गरीब और बुजुर्ग आयुष्मान योजना के कारण इलाज की चिंता से मुक्त है, आज हर गरीब 'पीएम आवास योजना' के कारण अपने पक्के घर की चिंता से मुक्त हो रहा है, आज 'जल जीवन योजना' के कारण गांव-गांव में पानी की समस्या का समाधान हो रहा है.
अशोकनगर में शोक आने से डरता है'
पीएम मोदी ने कहा कि जिस भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया हो, जहां परमार्थ एक परंपरा बन चुका है. जहां सेवा के संकल्प मानवता के कल्याण का पथ प्रशस्त करते हों, वो धरती साधारण नहीं है. इसलिए हमारे संतों ने अशोक नगर के बारे में कहा था कि यहं शोक आने से डरता है. मुझे खुशी है कि आज यहां बैसाखी और श्री गुरु महाराज जी के अवतरण दिवस के उत्सव में मुझे शामिल होने का अवसर मिला है.
ऋषियों ने दिखाई नई दिशा
उन्होंने कहा कि हमारा भारत ऋषियों, मनीषियों और संतों की धरती है. जब-जब हमारा भारत, हमारा समाज किसी मुश्किल दौर से गुजरता है, कोई न कोई ऋति, मनीषी इस धरती पर अवतरित होकर समाज को नई दिशा देता है. परम पूज्य स्वामी अद्वैतानंद जी महाराज के जीवन में भी इसकी झलक देख सकते हैं.
संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करना है
पीएम मोदी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनने का लक्ष्य तय किया है. हमें विश्वास है, इसे हासिल करेंगे। विकास की दौड़ में कई देश अपनी संस्कृति से कट गए, अपनी परंपराएं भुला दी। भारत में हमें इन्हें संरक्षित करके रखना है. हमारी संस्कृति हमारे सामर्थ्य को मजबूत करती है.
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