किसान आंदोलन, राघव चड्ढा से लेकर जस्टिस वर्मा तक... वो मुद्दे, जिन पर जगदीप धनखड़ ने पार कर दी 'लक्ष्मण रेखा'

जगदीप धनखड़ ने बीजेपी को सूचित किए बिना जस्टिस वर्मा के खिलाफ विपक्षी सांसदों के महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. सरकार उस प्रस्ताव को पहले लोकसभा में लाना चाहती थी.

Jul 23, 2025 - 14:35
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किसान आंदोलन, राघव चड्ढा से लेकर जस्टिस वर्मा तक... वो मुद्दे, जिन पर जगदीप धनखड़ ने पार कर दी 'लक्ष्मण रेखा'

मानसून सत्र के पहले दिन जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे से सियासी हलचल मच गई है. इस छोटे से कार्यकाल में उनके नाम कई विवाद जुड़े. कई बार वे विपक्ष से उलझे तो कई बार सरकार पर सवाल खड़ा करके लक्ष्मण रेखा लांघ दी. राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी उन्होंने सवाल उठाए थे.

जगदीप धनखड़ को सोमवार (21 जुलाई 2025) को 63 विपक्षी सांसदों की ओर से जस्टिस यशवंत वर्मा को पद से हटाने के प्रस्ताव का नोटिस मिला. उन्होंने बीजेपी को सूचित किए बिना विपक्ष के नोटिस को स्वीकार लिया. सरकार महाभियोग प्रस्ताव को पहले लोकसभा में पारित कराना चाहती थी. इसे सरकार की सफलता के रूप में प्रचारित किया जाता और न्यायपालिका को एक स्पष्ट संदेश दिया जाता, लेकिन धनखड़ ने पहले बाजी मार ली.

धनखड़ ने कब-कब लक्ष्मण रेखा पार की

उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान धनखड़ का विपक्ष के साथ अक्सर टकराव होता था. उन पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगाया गया था. इन्हीं आरोपों के कारण पिछले साल उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. तब से सरकार उनके कामकाज में आए बदलाव को लेकर चिंतित है. अब विपक्षी नेताओं को ज्यादा बोलने का मौका मिल रहा है।

किसानों आंदोलन पर सरकार से पूछे सवाल

धनखड़ ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए 2020 से चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया था. दिसंबर 2024 में उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से तीखे सवाल पूछे थे. उन्होंन मंच पर मौजूद कृषि मंत्री से कहा, "मैं आपसे निवेदन करता हूं कि कृपया मुझे बताइए, किसान से क्या वादा किया गया था? वादा पूरा क्यों नहीं किया गया? पिछले साल भी आंदोलन हुआ था. इस साल भी आंदोलन है. समय का पहिया घूम रहा है."

सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा

इस महीने की शुरुआत में जगदीप धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा विवाद को लेकर न्यायपालिका पर निशाना साधा था. उन्होंने नकदी की बरामदगी के मामले में आपराधिक जांच शुरू करने की मांग की. उन्होंने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सवाल उठाए. उन्होंने सवाल पूछा था कि संसद के दोनों सदनों की ओर से लगभग सर्वसम्मति से पारित कानून को सुप्रीम कोर्ट कैसे रद्द कर सकता है.

राघव चड्ढा मामले पर सरकार हो गई थी नाराज

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद को सदन के नियमों का पालन न करने के आरोप में 11 अगस्त 2023 को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था. धनखड़ ने उनका निलंबन समाप्त कर दिया, जिससे सरकार नाराज हो गई थी. हालांकि इस मामले में AAP सांसद ने सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था

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