कैसीनो से कैसे पैसे कमाकर बनते हैं अमीर? बता रहे हैं आर अश्विन
रविचंद्रन अश्विन इन दिनों अपनी किताब को लेकर चर्चा में हैं. इस बीच उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से विस्तार से बात की. इसमें उन्होंने अपने बचपन की बातें, लाइफ लर्निंग्स और असुरक्षा की भावना को पीछे छोड़ने को लेकर कई बातें बताईं.
मैं अपनी जिंदगी जी रहा हूंः अश्विन
'मैं बिल्कुल भी असुरक्षित नहीं हूं'
खेल के मैदान में अपनी गेंदबाजी से विपक्षी खेमे को चित करने वाले आर अश्विन एक यूट्यूबर, लेखक और इंजीनियर भी हैं. क्रिकेट में सबसे चतुर गेंदबाजों में से एक माने जाने वाले आर अश्विन इन दिनों अपनी किताब ‘आई हैव द स्ट्रीट्स: ए कुट्टी क्रिकेट स्टोरी’ को लेकर चर्चा में हैं. इस किताब में साल 2011 तक अश्विन के जीवन का विवरण उनके दिमाग की झलक है.
अश्विन ने पीटीआई को इंटरव्यू दिया है. इसमें उन्होंने कई चीजों को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने असुरक्षा की भावना को लेकर भी बात की है. साथ ही उन्होंने बताया कि कैसीनो में कैसे किस्मत आजमाकर पैसे कमा सकते हैं.
मैं अपनी जिंदगी जी रहा हूंः अश्विन
अश्विन ने कहा, 'मैं अपनी जिंदगी जी रहा हूं, बस यह इतना ही है. मैं ‘ए’, ‘बी’ या ‘सी’ (किसी लक्ष्य) को पूरा करने के बारे में नहीं सोच रहा. मैं मौजूदा समय में रहना पसंद करता हूं. मैं आम तौर पर रचनात्मक व्यक्ति हूं और अगर मुझे लगता है कि मैं कुछ करना चाहता हूं तो मैं आगे बढ़ूंगा और करूंगा. (चाहे यह) सही हो या गलत, यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में मैं बाद में फैसला करना चाहूंगा.'
अश्विन हमेशा से बेखौफ नहीं थे. बचपन में उनमें असुरक्षा की भावना थी लेकिन समय के साथ वह इससे आगे निकलने में सफल रहे. उन्हें एहसास हुआ कि उनका डर उन्हें पंगु बना रहा था. उन्होंने कहा कि इससे निपटने के बाद वह कुछ हद तक अडिग हो गए और यह एक क्रिकेटर के रूप में उनके विकास में कारगर रहा.
'मैं बिल्कुल भी असुरक्षित नहीं हूं'
उन्होंने कहा, 'मैं बिल्कुल भी असुरक्षित नहीं हूं. मैं पूरी तरह से सुरक्षित रहने के बजाय जीवन में असफल होना पसंद करूंगा. यही मेरा चरित्र है. मेरे अंदर लोगों जैसी सामान्य असुरक्षा की भावना नहीं हैं.' उन्होंने कहा, 'बचपन में अपनी असुरक्षा वाली मानसिकता को पीछे छोड़ने के बाद मेरी सोच बदल गयी थी. मैं किसी और की असुरक्षा का फायदा के बारे में नहीं सोचता हूं. इसी तरह मैं क्रिकेट या जीवन को सामान्य रूप से देखता हूं.'
उनके अनुसार यह सब निडर होने या जोखिमों के मजेदार पक्ष को देखने की क्षमता पर निर्भर करता है, जो 2009 में एक कैसीनो की यात्रा ने उन्हें सिखाया था.
कैसीनो का दिया उदाहरण
उन्होंने कहा, 'अगर आप यह सोचकर कैसीनो में जाते हैं कि आप कितना पैसा कमाएंगे, तो आप शायद अपने सारे पैसे गंवा देंगे. लेकिन जब आप मौज-मस्ती करने के इरादे इस सोच के साथ जाते हैं कि आप वहां पैसे गंवाने जा रहे हैं तो आप किसी अमीर व्यक्ति के रूप में वापस आते हैं और यह सीखने का एक बड़ा अनुभव होता है.'
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