क्या अमूल हो जाएगा सांची का दूध? टेकओवर की अटकलें, विरोध में उतरे कांग्रेस सांसद
मध्य प्रदेश का सहकारी मिल्क ब्रांड सांची को गुजरात का डेयरी ब्रांड अमूल पिछले दरवाजे से टेकओवर करना चाहता है. यह दावा राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने किया है. उन्होंने इस कथित टेकओवर का विरोध भी किया है.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अटकलें लगाई जा रहीं थी कि गुजरात का मिल्क प्रोडक्ट ब्रांड अमूल मध्य प्रदेश के मिल्ड प्रोडक्ट ब्रांड सांची को टेकओवर कर सकता है. हालियां खबरों के बीच कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने दावा किया है कि अमूल पिछले दरवाजे से सांची को टेकओवर करने जा रही है. इस टेकओवर को लेकर तन्खा ने अपना विरोध दर्ज किया है. उन्होंने X पर वीडियो शेयर करते हुए विरोध दर्ज किया है.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा X पर लिखा- मध्य प्रदेश का मिल्क प्रोडक्ट्स का विश्वसनीय ब्रांड सांची को गुजरात का प्रसिद्ध ब्रांड अमूल पीछे के दरवाज़े से टेक ओवर कर रहा है. कर्नाटक के नंदिनी के साथ भी यह प्रयास हुआ था. मप्र सरकार चाहे घुटने टेक दे, मगर एमपी की 7.5 करोड़ जनता, जिसके लिये सांची घर घर का ब्रांड है विरोध करेगी.
जून में आई थी टेकओवर की खबरें
पिछलों दिनों मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि अमूल मिल्क प्रोडक्ट ब्रांड सांची को टेकओवर कर सकती है. खबर थी कि सांची को अमूल की तरफ से टेकओवर करने की बातचीत चल रही है. कहा जा रहा था कि मध्य प्रदेश सरकार गुजरात के अमूल जैसा मॉडल सांची के लिए अपनाना चाहती है. हालांकि यह साफ नहीं कहा गया था कि अमूल सांची को आगे बढ़ाने में मदद करेगी या ब्रांड का टेकओवर कर लेगी. लोकसभा चुनाव के बाद इस पर फैसला आने की संभावना थाी.
1956 में हुई थी सांची की स्थापना
सांची डेयरी स्थापना 1956 में हुई थी. मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी संघ ने 'सांची' के नाम से दूध और दूध उत्पादों का व्यापार शुरू किया था. सांची दूध की शुरुआत किसानों के हितों की रक्षा और उपभोक्ताओं को अच्छी क्वालिटी का दूध देने के लिए की गई थी. सांची दूध के लिए करीब 7,000 सहकारी समितियों से दूध इकट्ठा किया जाता है. सांची दूध के कई तरह के उत्पाद हैं, जैसे कि गाय का दूध, श्रीखंड, लस्सी, और ताज़ा दही. आज के समय में सांची का दूध लगभग मध्य प्रदेश के हर शहरी घर में जाता है.
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