गोविंदपुरा में ससुर की विरासत बचा पाएंगी कृष्णा गौर या 4 दशक बाद कांग्रेस के साहू करेंगे कमाल?

भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर भाजपा की तरफ से कृष्णा गौर और कांग्रेस की तरफ से रविंद्र साहू मैदान में हैं. इन दोनों के बीच इस बार बड़ा दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता हैं.

Oct 30, 2023 - 11:05
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गोविंदपुरा में ससुर की विरासत बचा पाएंगी कृष्णा गौर या 4 दशक बाद कांग्रेस के साहू करेंगे कमाल?

मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव होने में अब महज 15 दिन से भी कब समय बचा हुआ है. ऐसे में राजधानी भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर हलचल देखने को मिल रही है. इस सीट पर बीजेपी करीब 43 सालों से लगातार चुनाव जीतते हुए आ रही है. इस विधानसभा सीट को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के नाम से जाना जाता रहा है, लेकिन उनके निधन के बाद उनकी बहू कृष्णा गौर यहां से चुनाव लड़ रही है, वहीं इस बार उनके सामने कांग्रेस ने रविंद्र साहू को उम्मीदवार बनाया है.

बता दें कि गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. हालांकि 10 बार से लगातार यहां बीजेपी ने ही बाजी मारी है लेकिन अब यहां स्थानीय उम्मीदवार को देखकर मतदाता पलटवार भी कर सकते हैं.

दिग्विजय सिंह के खास रविंद्र साहू

गोविंदपुरा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने रविंद्र साहू (झूमर वाला) को अपना उम्मीदवार बनाया है. साहू दिग्विजय सिंह के खास समर्थक माने जाते हैं. फिलहाल रविंद्र साहू कांग्रेस में महासचिव के पद पर तैनात हैं. भोपाल में लोग उन्हें झूमर वाला के नाम से जानते हैं. दरअसल कई सालों से उनका परिवार झूमर बनाने का काम रहा है. उनकी झूमर बनाने की पहचान दूर-दूर तक है. रविंद्र साहू पिछड़ा वर्ग से आते हैं.

बीजेपी को कृष्णा गौर पर पूरा भरोसा

बीजेपी ने 2023 विधानसभा चुनाव के लिए इस बार भी कृष्णा गौर पर पूरा भरोसा जताया है. बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता बाबूलाल गौर की बहू है. 2003 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी. कृष्णा गौर 2009 में पहली बार भोपाल की महापौर बनी थी. इसके बाद 2018 में वह अपने सुसर की परंपरागत गोविंदपुरा सीट से विधायक चुनी गई थी. कृष्णा गौर मध्य प्रदेश यादव समाज की प्रदेश उपाध्यक्ष भी है. जबकि अब उन्हें शिवराज सरकार ने राज्य मंत्री का दर्जा दिया है. 

इसके पहले भी शिवराज सरकार ने हाल ही में निगम मंडलों में कई राजनीतिक नियुक्तियां की थी. जिसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को भी जगह दी गई थी. इसके अलावा संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले नेताओं को भी निगम मंडलों में जगह मिली थी. 

वोटर्स के आंकड़े और जातिगत समीकरण

2018 के आंकड़ों के मुताबिक गोविंदपुरा विधानसभा में कुल 35497 मतदाता है. इसमें 1.66 लाख से ज्यादा महिलाएं और 1.88 लाख से ज्यादा पुरुष वोटर्स हैं. भोपाल की इस सीट पर सामान्य व ओबीसी मतदाताओं की संख्या तीन चौथाई से ज्यादा 78 प्रतिशत है. इसके अलावा एससी वोटर 15 प्रतिशत के साथ निर्णायक स्थिति में हैं. मुस्लिम वोटर केवल 3 फीसदी हैं.

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