छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में वोटिंग से पहले ही बड़ा खेला, BJP बिना लड़े ही जीती 23 वॉर्ड, यहां भी वॉकओवर
छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में वोटिंग 11 फरवरी को होने वाली है, लेकिन उसके पहले ही छत्तीसगढ़ में बड़ा सियासी खेला हुआ है.
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर माहौल गर्माया हुआ है, क्योंकि यहां वोटिंग से पहले ही बड़ा खेला हो गया है. दरअसल, निकाय चुनाव की वोटिंग 11 फरवरी होने वाली है, लेकिन उसके पहले ही बीजेपी ने 23 वार्डों में निर्विरोध जीत हासिल कर ली है, जो कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जबकि पांच नगर निगमों में भी बीजेपी के 6 पार्षद निर्विरोध चुने जा चुके हैं, क्योंकि ही प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया तो किसी वार्ड में प्रत्याशियों ने नामांकन जमा ही नहीं किया, जिससे यहां बीजेपी प्रत्याशियों को बिना लड़े ही जीत का तोहफा मिल गया.
छत्तीसगढ़ में 23 जगह जीती बीजेपी
छतीसगढ़ में बीजेपी के 23 वार्ड प्रत्याशी चुनाव लड़े बिना ही जीत गए हैं, वहीं बसना नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर भी बीजेपी को वॉकओवर मिल गया है. क्योंकि यहां आखिरी वक्त में कांग्रेस के प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया, जिससे बसना नगर पंचायत में बीजेपी की प्रत्याशी डॉ. खुशबू अग्रवाल निर्विरोध अध्यक्ष बनेगी. बीजेपी के लिए जहां यह अच्छा संकेत माना जा रहा है तो कांग्रेस के लिए यह झटका रहा है.
बीजेपी कहां-कहां जीती
बिलासपुर निगम वार्ड नंबर 13
मुंगेली नगर पालिका के वार्ड 10 और 17
कोरबा नगर निगम का वार्ड 18
दीपका नगर पालिका वार्ड 8
सरायपाली नगर पालिका वार्ड 5 और 13
कटघोरा नगर पालिका वार्ड 13
दुर्ग नगर निगम वार्ड नंबर 21
रायगढ़ नगर निगम वार्ड 18 और 45
भिलाई नगर निगम वार्ड 35
बिलाईगढ़ नगर पंचायत वार्ड 2 और 3
इसके अलावा बीजेपी 12 नगर पंचायतों के भी अलग-अलग वार्डों में निर्विरोध जीतने में कामयाब रही है. जिससे बीजेपी की राह अब यहां अध्यक्ष चुनने में भी आसान हो सकती है. बता दें कि यहां अधिकतर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया. ऐसे में कांग्रेस ने भी पर्चा निकालने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना लिया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी नामांकन की तारीख की पूरी होने के बाद बागियों के खिलाफ एक्शन लेगी.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 11 फरवरी को निकाय चुनाव की वोटिंग होने वाली है, जिसके लिए अब प्रचार का दौर तेज होगा. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने-अपने बागियों पर कार्रवाई के मूड में दिख रही हैं.
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