दुनिया की टॉप 50 यूनिवर्सिटी में 9 भारतीय संस्थानों ने बनाई जगह, यहां जानें नाम

QS रैंकिंग 2025 की लिस्ट जारी कर दी गई है। दुनिया की टॉप 50 यूनिवर्सिटी में विषयवार रैंकिंग में 9 भारतीय संस्थानों ने जगह बनाई है।

Mar 12, 2025 - 14:45
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दुनिया की टॉप 50 यूनिवर्सिटी में 9 भारतीय संस्थानों ने बनाई जगह, यहां जानें नाम

QS रैंकिंग 2025 की लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में भारतीय संस्थानों से अपना दबदबा दिखाया है। QS रैंकिंग की विषयवार रैंकिंग में दुनिया के टॉप 50 में 9 भारतीय विश्वविद्यालय और संस्थान का नाम इस बार शामिल हुआ है। इनमें आईआईटी मद्रास, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी खड़गपुर और अन्य कई नाम शामिल हैं, लेकिन इनमें से कुछ संस्थान कम अंक से साथ नीचे है।

टॉप 50 में 9 भारतीय विश्वविद्यालय और संस्थान

क्यूएस विषयवार रैंकिंग में दुनिया के टॉप 50 में 9 भारतीय विश्वविद्यालय और संस्थान शामिल हैं जबकि सूची में शामिल कुछ शीर्ष संस्थानों जैसे 3 आईआईटी, दो आईआईएम और जेएनयू के स्थान में पिछले साल के मुकाबले गिरावट आई है। बुधवार को घोषित ‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ के 15वें संस्करण के मुताबिक, भारत ने विषयवार रैंकिंग और व्यापक संकाय क्षेत्रों में टॉप 50 में 12 स्थान हासिल किए हैं। इस मामले में भारतीय खनन विद्यालय (आईएसएम), धनबाद अग्रणी रहा है जो इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए विश्व स्तर पर 20वें स्थान पर है।

आईआईटी मुंबई और खड़गपुर का भी स्थान

आईआईटी मुंबई और खड़गपुर को इंजीनियरिंग-खनिज और खनन विषय के लिए 28वें एवं 45वें स्थान पर रखा गया है। हालांकि, दोनों संस्थानों की रैंकिंग में गिरावट देखी गई है। आईआईटी दिल्ली और मुंबई, जो इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विषय के लिए 45वें स्थान पर थे, आईआईटी दिल्ली ने अपनी स्थिति में सुधार करते हुए क्रमशः 26वां और 28वां स्थान प्राप्त किया है। दोनों संस्थानों ने इंजीनियरिंग-इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में भी अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और टॉप 50 की लिस्ट में जगह बनाई है। 

आईआईएम अहमदाबाद और बेंगलुरु व्यवसाय और प्रबंधन अध्ययन विषय के लिए दुनिया के टॉप 50 में बने हुए हैं, लेकिन उनकी रैंकिंग में पिछले वर्ष के मुकाबले गिरावट आई है। आईआईएम अहमदाबाद की रैंकिंग 22 से गिरकर 27 पर आ गई जबकि आईआईएम बेंगलुरु की रैंकिंग 32 से गिरकर 40 पर आ गई। 

आईआईटी मद्रास (पेट्रोलियम इंजीनियरिंग) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) (विकास अध्ययन) विश्व के शीर्ष 50 में बने रहे, लेकिन उनकी रैंकिंग में कुछ स्थानों की गिरावट भी आई। क्यूएस विषय-विशिष्ट रैंकिंग के नवीनतम संस्करण में, भारत में नई प्रविष्टियों की संख्या चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और कोरिया के बाद पांचवें स्थान पर है और कुल प्रविष्टियों की संख्या के मामले में 12वें स्थान पर है।

रैंकिग में क्या-क्या होता शामिल?

क्यूएस ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 55 विषयों के लिए यूनिवर्सिटीज रैंकिंग 2025 जारी की है। यह रैंकिंग 5 इंडीकेटर्स पर आधारित है, जिसमें एकेडमिक रिप्यूटेशन, एम्पलॉयर रिप्यूटेशन, रिसर्च रिटेशन प्रति पेपर, एच-इंडेक्स और इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क (व्यापक संकाय क्षेत्र द्वारा) शामिल हैं। भारत से 79 यूनिवर्सिटीज को साल 2025 के लिए विषयवार क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में लिस्टेड किया गया है।

विषय के आधार पर क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग को 5 क्षेत्रों में शामिल किया गया है:

कला और मानविकी (Arts and Humanities)

इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी (Engineering and technology)

जीवन विज्ञान और चिकित्सा (Life sciences and medicine)

प्राकृतिक विज्ञान (Natural sciences)

सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन (Social sciences and management)

कला और मानविकी कैटेगरी के अंतर्गत, कुल 10 यूनिवर्सिटीज ने इस लिस्ट में जगह बनाई हैं, जिनमें दिल्ली यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बॉम्बे (आईआईटीबी) 200 रैंक लिस्ट के अंतर्गत अपना स्थान सुरक्षित बनाएं हुए हैं।

भारत के कुल 24 यूनिवर्सिटीज ने इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी की कैटेगरी के तहत क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में स्थान हासिल किया है। इनमें से 5 यूनिवर्सिटीज 100 से नीचे की रैंक लिस्ट में सूचीबद्ध हैं, आईआईटी दिल्ली (रैंक 26), आईआईटी बॉम्बे (रैंक 28), आईआईटी मद्रास (रैंक 53), आईआईटी खड़गपुर (रैंक 60), आईआईटी कानपुर (रैंक 72) और आईआईएस बेंगलुरु (रैंक 84)।

जीवन विज्ञान और चिकित्सा कैटेगरी में, भारत से कुल 6 यूनिवर्सिटीज को रैंकिंग में शामिल किया जा रहा है। इसमें एम्स दिल्ली 226 रैंक के साथ सूची में शीर्ष पर है।

साभार