बंगाल में महिलाओं पर क्यों है पार्टियों का फोकस? लोकसभा चुनाव में बन गईं बड़ी ताकत

पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं. 7 चरणों में हो रहे चुनाव में यहां एक दिलचस्प ट्रेंड देखने को मिल रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव की तरह शुरुआती चरणों में कई सीटों पर पुरुषों से ज्यादा महिला वोट पड़े.

May 21, 2024 - 10:53
 0  12
बंगाल में महिलाओं पर क्यों है पार्टियों का फोकस? लोकसभा चुनाव में बन गईं बड़ी ताकत

लोकसभा चुनाव में इस बार पश्चिम बंगाल में महिला वोटरों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रहने वाली है. यही वजह है कि सभी पार्टियां उन्हें आकर्षित करने के लिए योजनाओं के साथ-साथ मुफ्त उपहार की पेशकश कर रही हैं. लक्ष्मी भंडार योजना को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में होड़ लगी है. उधर, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन ने महालक्ष्मी योजना की पेशकश की है. ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि महिला वोटरों को अचानक तवज्जो दिए जाने के पीछे वजह क्या है?

ये ताकत वोट की है

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल में 2024 की लोकसभा मतदाता सूची में प्रत्येक 1,000 पुरुष वोटरों पर 968 महिला मतदाता हैं. 2019 के बाद महिलाओं के मतदान में तेजी देखने को मिली है. कुछ जगहों पर उन्होंने पुरुष वोटरों को भी पीछे छोड़ दिया. राजनीतिक दल अब आधी आबादी पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. हर पार्टी अपने प्रचार के दौरान मुफ्त उपहार, गारंटी और काउंटर-गारंटी के जरिए महिला वोट पाने की कोशिश कर रही है. 

पिछले चुनाव में वोटिंग ने चौंकाया

दरअसल, बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनावों में वोटिंग के आंकड़ों से ही पार्टियां चौंक गई थीं. राज्य के 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर महिलाओं के वोट ज्यादा पड़े थे. जिस राज्य की सीएम महिला हैं, वहां से ऐसे आंकड़े उत्साहजनक तस्वीर पेश करते हैं. उदाहरण के तौर पर, अकेले कूचबिहार में 82.4% पुरुषों और 85.3% महिला वोटरों ने मतदान किया था. उस चुनाव में बंगाल की छह लोकसभा सीटों पर पड़े कुल वोटों में से महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा पाई गई. उदाहरण के लिए, मालदा नॉर्थ में 6.6 लाख पुरुषों और 6.9 लाख महिलाओं ने मतदान किया था. 

अब 2024 लोकसभा चुनाव की बात करते हैं. कम से कम पहले के तीन चरणों के वोटिंग के रुझानों से साफ पता चलता है कि अब भी वही ट्रेंड बना हुआ है. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक बालुरघाट लोकसभा सीट पर पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं ने ज्यादा वोटिंग की. यहां से बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने चुनाव लड़ा है. वैसे, चुनाव आयोग ने अब तक जेंडर के आधार पर वोटों का विवरण जारी नहीं किया है.

महिलाओं को लुभाने की कोशिश

- 2021 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लक्ष्मी भंडार योजना शुरू की थी. इसके तहत हर महीने आर्थिक मदद दी जाती है. बंगाल में 2 करोड़ महिलाएं इससे लाभान्वित हो रही हैं. राज्य में महिला मतदाताओं की कुल संख्या 3.73 करोड़ है.

- लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से ठीक पहले, ममता ने सामान्य वर्ग के लिए लक्ष्मी भंडार भत्ता बढ़ाकर 1,000 रुपये और एससी/एसटी के लिए 1,200 रुपये कर दिया. 

- कुछ एक्सपर्ट मुफ्त स्कीम से राजनीतिक फायदे की बात मानते हैं. एमपी में लाडली बहना योजना से भाजपा को फायदा हुआ, जबकि कांग्रेस ने कर्नाटक में अपने चुनावी घोषणा पत्र में 'पांच गारंटी' का वादा किया, जिसमें महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और घर की प्रत्येक महिला मुखिया के लिए 2,000 रुपये शामिल हैं. ऐसे में 2021 के बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद लागू की गई लक्ष्मी योजना को लोकसभा चुनावों में परखा जाएगा. 

  • बंगाल में भाजपा ने कहा है कि वह महिलाओं को 100 रुपये रोज के हिसाब से देगी. इस तरह से लक्ष्मी भंडार 3,000 रुपये महीना हो जाएगा.
  • साभार