बिहार में महिलाओं ने 'खेला' कर दिया? समझिए बंपर वोटिंग किसके लिए गुड न्यूज है
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में जमकर वोट पड़े हैं. आइए जानते हैं अधिक मतदान से किस गठबंधन का लाभ मिल सकता है?
पटना:
बिहार में पहले चरण की 121 सीटों पर जिस तरह से बंपर वोटिंग हुई है, उससे कई समीकरण बन और बिगड़ सकते हैं. 2020 की तुलना में इस बार वोटरों में जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला है. शाम पांच बजे तक 60.1 पर्सेंट वोटिंग हुई है. 2020 से तुलना करें तो तब इन सीटों पर पांच बजे तक 51.1 पर्सेंट ही वोट गिरे थे. इस बार मतदान प्रतिशत 8.3 पर्सेंट बढ़ गया है.. अभी यह आकंड़ा और बढ़ेगा. वोटरों का यह उत्साह सुबह से ही देखा जा रहा था. दोपहर 1 बजे तक 42.3 पर्सेंट मतदान हुआ, तो दोपहर 3 बजे तक यह 53.8% हो गया था. बता दें कि बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में फाइनल मतदान प्रतिशत 55.89 प्रतिशत रहा था. (121 सीटों पर कहां कितनी वोटिंग, यहां देखें ) इस बंपर वोटिंग की वजह क्या है और यह किसके लिए खुशखबरी लेकर आ रहा है? आमतौर पर ज्यादा वोटिंग का मतलब सत्ता विरोधी लहर से जोड़ा जाता रहा है, लेकिन हर बार नहीं. इस बार बिहार में मामला भी थोड़ा अलग है. क्या 10 हजार वाली स्कीम काम कर रही है और महिलाएं जोश के साथ पोलिंग बूथ तक पहुंच रही हैं? अभी तक इस बढ़े मतदान प्रतिशत के तीन ऐंगल हैं.
2020 में वोटिंग 2025 में वोट (शाम 5 बजे तक) अंतर
51.8% 60.1% 8.3%
क्या 10 हजार स्कीम ने एडीए की कोर महिला वोटरों में जोश भरा है और वे पोलिंग बूथ तक पहुंच रही हैं? क्या बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत SIR में 65 लाख वोट कटने का असर है? चुनाव आयोग ने विपक्ष के आरोपों के बाद इस बार वोटिंग पर्सेंटेज का डेटा रियल टाइम किया है. पहले मतदान प्रतिशत बाद में बढ़ जाता था. तो क्या असर इसका है?
10 हजार की स्कीम ने महिला वोटरों में भरा जोश?
चुनाव विश्लेषक अमिताभ तिवारी के मुताबिक 10 हजार की स्कीम एनडीए की कोर महिला वोटरों में जोश भर सकता है. वह कहते हैं कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय करीब साढ़े पांच हजार के करीब है. सरकार ने डेढ़ करोड़ महिलाओं के हाथ में 10 हजार रुपये दे दिए हैं. यह बिहार की महिला वोटरों का करीब 40 फीसदी है. डेढ़ करोड़ महिला वोटरों को 10 हजार देने का मतलब है कि असर साढ़े चार करोड़ (प्रति परिवार चार सदस्य मानें तो) वोटरों पर पड़ेगा
साभार