मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से क्यों नहीं मिली जमानत? सुनवाई के दौरान SC ने कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

Oct 30, 2023 - 10:44
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सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले कोर्ट ने 17 अक्टूबर को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा कि एजेंसी ने जानकारी दी है कि 338 करोड़ के पैसे के ट्रांसफर का लिंक साबित हो रहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि 6-8 महीने में ट्रायल पूरा हो. अगर दौरान ट्रायल पूरा नहीं होता है तो फिर से कोर्ट का रुख कर सकते हैं.

241 दिनों से जेल में बंद हैं मनीष सिसोदिया

बता दें कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. इस साल 26 फरवरी को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईडी ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. सिसोदिया दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में 241 दिन से जेल में बंद हैं.

एजेंसी के पास नहीं है सिसोदिया से जुड़ा सबूत: सिंघवी

मनीष सिसोदिया के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में 17 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कहा था कि जांच एजेंसी के पास इस पूरे प्रकरण में सिसोदिया से सीधे जुड़ा कोई सबूत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि सिसोदिया का इस घोटाले से कोई संबंध नहीं है, फिर उन्हें क्यों आरोपी बनाया गया है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कभी भी ये नहीं कहा है कि पैसा आपके पास आया है, बल्कि इसमें मनीष सिसोदिया शामिल हैं और उनके इशारे पर घोटाले का पैसा इधर-उधर किया गया है.

कब-कब खारिज हुई सिसोदिया की जमानत याचिका?

3 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने यह कहते हुए सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया कि वह पीएमएलए के तहत जमानत देने की दोहरी शर्तों और जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट पूरा करने में सक्षम नहीं है. इससे पहले, हाईकोर्ट ने इसी घोटाले से संबंधित सीबीआई मामले में यह देखते हुए कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर थे, उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. अप्रैल में विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने यह कहते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था कि सबूत, प्रथम दृष्टया और अपराध में उनकी संलिप्तता के बारे में बहुत कुछ कहते हैं 

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