शिंदे सरकार का मास्टरस्ट्रोक या विपक्ष का डर... चुनाव से पहले लड़की बहिन योजना पर महाराष्ट्र में क्यों मचा घमासान?
एक तरफ महायुति चुनावी कैंपेन के दौरान इस स्कीम को भुनाना चाहती है तो वहीं एमवीए सरकार पर निशाना साधते हुए दावा कर रही हैं कि सरकार के पास इतना पैसा ही नहीं है कि वह इस योजना को चला सके.
महाराष्ट्र में चुनावी रण छिड़ने वाला है. लेकिन उससे पहले मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली महायुति सरकार और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच राजनीतिक विवाद का कारण बन गई है.
एक तरफ महायुति चुनावी कैंपेन के दौरान इस स्कीम को भुनाना चाहती है तो वहीं एमवीए सरकार पर निशाना साधते हुए दावा कर रही हैं कि सरकार के पास इतना पैसा ही नहीं है कि वह इस योजना को चला सके.
मुद्दे ने क्यों इतना तूल पकड़ा हुआ है, यह आपको बताएंगे. लेकिन पहले समझिए कि आखिर ये लड़की बहिन योजना क्या है?
क्यों खास है ये योजना?
इस योजना के तहत राज्य में 21 से 65 साल की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये दिए जाएंगे. इसे इस साल अगस्त में शुरू किया गया था. इस योजना को लागू करने में 46,000 करोड़ का बजट रखा गया है. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) का मकसद उनके स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करने के साथ-साथ परिवारों में उनकी भूमिका को भी मजबूत करना है.
इस बीच दिल्ली में महाराष्ट्र चुनावों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों की बैठक हुई. कांग्रेस की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल थे. बैठक पर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, 'आज की बैठक में आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई. हम महाविकास अघाड़ी की राज्य में सरकार बनाएंगे. सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं है. एमवीए सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ेगा.'
वहीं महाराष्ट्र बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में रणनीति तय की गई. इस बैठक में अमित शाह, जेपी नड्डा, देवेंद्र फडणवीस, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, विनोद तावड़े, बीएल संतोष मौजूद थे. यानी दोनों ही दलों ने आगामी चुनावों के लिए कमर कस ली है.
गरमाई हुई है राज्य की राजनीति
लड़की-बहिन योजना को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति गरमाई हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 8 अक्टूबर को राज्य सरकार पर विधानसभा चुनावों से पहले विज्ञापनों के जरिए फर्जी कहानियां गढ़ने का आरोप लगाया था. हमला बोलते हुए उद्धव ने कहा कि सरकार लोगों को धोखा देकर उनका ही पैसा वापस लौटा रही है.
दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि चुनावों से पहले इस स्कीम की लोकप्रियता देखकर विपक्ष घबरा गया है. विपक्ष इस योजना को रोकने के लिए हाईकोर्ट तक चला गया है. लेकिन यह स्कीम चालू रहेगी. महिलाओं को ऐसे सौतैले भाइयों से चौकन्ना रहना चाहिए जो लाखों महिलाओं को फायदा पहुंचाने वाली स्कीम को रोकना चाहते हैं. इन लोगों को जनता चुनावों में मुंहतोड़ जवाब देगी.
लड़की बहिन योजना का फायदा किसे मिलेगा?
ऐसी महिलाएं, जिनकी पारिवारिक आय सालाना ढाई लाख रुपये से ज्यादा ना हो.
वह महाराष्ट्र की निवासी हों और आधार नंबर बैंक अकाउंट से लिंक हो.
महिला शादीशुदा, विधवा, तलाकशुदा, छोड़ी हुई या फिर बेसहारा हो सकती है. परिवार की कुंवारी महिला को भी इस स्कीम का फायदा मिलेगा.
किसे लाभ नहीं मिलेगा?
वह महिला, जिनका परिवार इनकम टैक्स भरता हो.
ऐसी महिलाएं, जिनके परिवार के सदस्य सरकारी मुलाजिम हैं.
ऐसी महिलाएं, जिनको राज्य सरकार की इसी तरह की स्कीमों से फायदा मिल रहा हो.
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