श्रीकृष्ण जन्मस्थान विवाद: मथुरा शाही ईदगाह सर्वे के फैसले में SC का दखल से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि शाही ईदगाह सर्वे के आदेश में दखल का आदेश नहीं दे रहे. सर्वे पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था.
मथुरा के शाही ईदगाह परिसर के सर्वे (Shahi Idgah Survey) पर रोक नहीं लगेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सर्वे के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कहा कि हम किसी आदेश को स्टे नहीं कर रहे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट को बताया जाए कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस पर 9 जनवरी को सुनवाई होनी है. अगर याचिकाकर्ता को किसी आदेश से परेशानी होगी तो वो कानून के मुताबिक अपील कर सकते हैं. बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. और अब सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है.
मुस्लिम पक्ष के वकील ने क्या कहा?
मस्जिद कमेटी की ओर से पेश वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि हमने पहले से ही इस केस से जुड़े सारे मुकदमों को इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा अपने पास ट्रांसफर करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत बताते हुए लिखित दलीलें जमा कराने को कहा था. अभी ये मसला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग ही है. लेकिन इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के लिए कमिश्नर की नियुक्ति का आदेश पास कर दिया है, जिसका गलत असर होगा.
कोर्ट अंतरिम आदेश पास नहीं कर सकता
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि हमारे सामने मुकदमों को ट्रांसफर करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कमेटी की याचिका 9 जनवरी को सुनवाई के लिए लगी है. कोर्ट उसी दिन इस मसले को सुनेगा. आपने हाई कोर्ट के कल के आदेश के खिलाफ अपनी बात को सुप्रीम कोर्ट में रखा जरूर है लेकिन उसे याचिका के जरिए औपचारिक रूप से चुनौती नहीं दी है. लिहाजा अभी कोर्ट कोई अंतरिम आदेश पास नहीं कर सकता.
18 दिसंबर को तय होनी है सर्वे की रूपरेखा
इस पर वकील अहमदी की ओर से कहा गया कि 18 दिसंबर को हाई कोर्ट सर्वे की रूपरेखा तय करने को लेकर आदेश पास करने वाला है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के इस स्टेज पर दखल की जरूरत है. फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप चाहें तो हाईकोर्ट को जानकारी दे सकते है कि सुप्रीम कोर्ट इस विवाद पर 9 जनवरी को सुनवाई करने वाला है. आप आज की टिप्पणियों के बारे में उन्हें बता सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दखल से किया इनकार
इस पर वकील की ओर से कहा गया कि हमने सुप्रीम कोर्ट में लंबित सुनवाई का हवाला दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने हमारी बात को नहीं सुना. आज के बाद सुप्रीम कोर्ट शीतकालीन अवकाश के लिए बंद हो रहा है. अगर हाईकोर्ट आगे कोई आदेश पास करता है तो उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तुंरत सुनवाई संभव नहीं हो पाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा कि अभी हम कोई दखल नहीं दे रहे. अगर हाईकोर्ट का कोई आदेश आपके खिलाफ जाता है तो आप सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.
अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई चाहता था मुस्लिम पक्ष
जान लें कि मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में सर्वे की इजाजत देने पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई की मांग को लेकर वक्फ बोर्ड ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सर्वे कराने के आदेश को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्ट की डिविजन बेंच ने इस मसले की सुनवाई की और दखल देने से इनकार कर दिया.
कब होगा शाही ईदगाह का सर्वे?
जान लें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया जिसमें हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने ईदगाह कमेटी और वक्फ बोर्ड की दलीलों को खारिज कर दिया. कोर्ट ने ये भी कहा कि 18 दिसंबर को सर्वे की रुपरेखा तय की जाएगी. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि 18 दिसंबर को रूपरेखा तय होगी कि एडवोकेट कमीशन के साथ सर्वे में कौन-कौन जाएगा, कितने लोग होंगे क्या उसका तौर तरीका होगा, कब से कब तक होना है, ये सारी बातें 18 दिसंबर को तय होंगी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद क्या है?
गौरतलब है कि कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह का ये विवाद 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा है. जिसमें हिंदू पक्ष का दावा है कि 17वीं शताब्दी में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. याचिका में हिंदू पक्ष ने मस्जिद की दीवारों पर कमल के फूल और शेषनाग की आकृति होने का दावा करते हुए सर्वे की मांग की थी. कृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्जिद विवाद में कुल 18 मामले हैं, जिनकी अब हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. जिसमें हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के अपने-अपने दावे हैं.
क्या है हिंदू पक्ष की मांग?
हिंदू पक्ष का दावा है कि 17वीं शताब्दी में मंदिर को तोड़कर मस्जिद को अवैध तरीके से बनाया गया था. प्रमाण के तौर पर मस्जिद की दीवारों पर कमल के फूल और शेषनाग की आकृति है, जो बताती हैं कि मस्जिद को मंदिर के ऊपर बनाया गया. हिंदू पक्ष ने ईदगाह मस्जिद को हटाने और मस्जिद वाली जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की है. हिंदू पक्ष का ये भी दावा है कि नगर निगम में मुस्लिम पक्ष का नाम दर्ज नहीं है और रेवेन्यू रिकॉर्ड में पूरी जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम है.
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