संजय गांधी नहीं, इस शख्स ने दिया था देशभर में नसबंदी का आइडिया- जान लीजिए नाम
इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी ने बढ़ती हुई जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए त्वरित फैसला लेते हुए नसबंदी कार्यक्रम कराया था. लेकिन यह उनका आइडिया नहीं था.
राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा कर दी है, लेकिन इसमें घबराने की कोई बात नहीं है. जब 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रेडियो पर इन शब्दों के साथ इमरजेंसी की घोषणा की तो पूरा देश सहम गया था. यह लगभग दो साल यानि 21 मार्च 1977 तक चला था. इसको भारत के लोकतंत्र पर एक काला धब्बा माना गया है. उस दौरान देश रातोंरात जेलखाने में बदल गया था. संजय गांधी का आदेश था कि बढ़ती हुई जनसंख्या को रोकने के लिए नसबंदी ही एक उपाय है. ऐसे में देश भर में जबरन लाखों लोगों की नसबंदी कराई गई थी. लेकिन यह आइडिया संजय गांधी का नहीं था, तो आखिर किसने उनको यह सुझाव दिया था.
60 लाख लोगों की हुई नसबंदी
आपातकाल के दौरान नसबंदी सबसे दमनकारी अभियान बना था. इस फैसले को लागू कराने का जिम्मा संजय गांधी के कंधों पर था. कम समय में उनको खुद को साबित करना था, ऐसे में उन्होंने बेहद कड़ा रुख अपनाया. लोगों की जबरन नसबंदी कराई गई. घरों में घुसकर, लालच देकर, बसों से उताकर, खेतों से पकड़कर तकरीबन 60 लाख से ज्यादा लोगों की नसबंदी कराई गई थी. इस दौर में इंदिरा गांधी ने देश को एक तानाशाह की तरह चलाया था.
किसने दिया था नसबंदी का आइडिया
भारतीय बुद्धिजीवियों के लिए बढ़ती हुई जनसंख्या हमेशा से चिंता का विषय रही है. लोग इस मामले में पश्चिमी दृष्टिकोण से ज्यादा प्रेरित हैं कि अधिक जनसंख्या आर्थिक पिछड़ेपन को न्योता देती है. 1951 में भारत की जनसंख्या लगभग 361 मिलियन थी. उस वक्त में मशहूर जनसांख्यिकीविद् आरए गोपालस्वामी का अनुमान था कि यह हर साल लगभग पांच लाख की दर से बढ़ेगी. उनका कहना था कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो भारत को हर साल लाखों टन आयात करने के बाद भी हमेशा खाद्य मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा.
धड़ल्ले से कराई गई नसबंदी
इसी के चलते गोपालस्वामी ने सामूहिक नसबंदी का अभियान सुझाया था. कुछ ऐसा जो कि इससे पहले इस पैमाने पर किसी अन्य देश ने न किया हो. उनकी बात मानते हुए सरकार ने 1952 में नसबंदी कार्यक्रम चालू किया. इसके लिए लोगों को जागरूक किया, लेकिन फिर भी यह असफल साबित हुआ. ऐसे में संजय गांधी ने इमरजेंसी के दौरान नियमों को सख्ती से लागू करवाया. संजय गांधी चाहते थे कि जनसंख्या नियंत्रण पर त्वरित समाधान हो. ऐसे में उन्होंने नसबंदी शिविर लगवाए और जरूरी लक्ष्य तय करवाए.
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