क्या है सदन में पारित सुधारात्मक सेवाएं एवं बन्दीगृह बिल? जिससे बदला जाएगा 130 साल पुराना अंग्रेजों का कानून

मध्य प्रदेश विधानसभा ने 130 साल पुराने ब्रिटिशकालीन जेल कानून को बदलने के लिए 'सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक, 2024 पारित कर दिया है. यह विधेयक कैदियों के जीवन स्तर और मानवाधिकारों में सुधार पर केंद्रित है

Jul 5, 2024 - 14:26
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क्या है सदन में पारित सुधारात्मक सेवाएं एवं बन्दीगृह बिल? जिससे बदला जाएगा 130 साल पुराना अंग्रेजों का कानून

मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन 'सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक, 2024' ('Correctional Services and Prisons Bill, 2024') को सदन में पारित कर दिया गया है. बता दें कि यह विधेयक 130 साल पुराने, अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कारागार कानून को बदलने का काम करेगा. नए कानून का फोकस कैदियों के जीवन स्तर और मानवाधिकारों में सुधार पर रहेगा. इसमें महिलाओं, ट्रांसजेंडर और मानसिक रूप से बीमार कैदियों के लिए विशेष प्रावधान, बाल देखभाल सुविधाएं, सजा सुधार और भोजन की गुणवत्ता में वृद्धि शामिल हैं

विधेयक का महत्व

मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक सदन में पारित हो गया है. सरकार की तरफ से मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने इस विधेयक की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 130 साल पुराने कानून को बदलने के लिए यह विधेयक लाया गया है. आपको बता दें कि मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस विधेयक के मसौदे पर चर्चा हुई थी. यह विधेयक मध्य प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों के जीवन स्तर और मानवाधिकारों में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह महिला, ट्रांसजेंडर और मानसिक रोगी कैदियों की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करता है. साथ ही, यह सजा में सुधार और कैदियों के पुनर्वास पर भी जोर देता है.

विधेयक की मुख्य विशेषताएं:

-महिला, ट्रांसजेंडर और मानसिक रोगी कैदियों के लिए विशेष प्रावधान: महिला कैदियों के लिए अलग जेल, ट्रांसजेंडर कैदियों के लिए पृथक रहने की व्यवस्था और मानसिक रोगी कैदियों के लिए इलाज की सुविधा.

-बच्चों की देखभाल: बंदी महिलाओं के साथ रह रहे बच्चों के लिए आश्रय स्थल और शिक्षा की व्यवस्था.

-सजा में सुधार: सजा के दौरान अच्छा व्यवहार करने वाले कैदियों को फरलो योजना के तहत रिहाई और खुली जेल की सुविधा.

-ई-मुलाकात और मोबाइल पर प्रतिबंध: जेल में कैदियों से ई-मुलाकात की सुविधा और मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर सख्त प्रतिबंध.

भोजन व्यवस्था में सुधार: कैदियों के भोजन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार के लिए 20% की वृद्धि.

अधिकारियों और नागरिकों की भूमिका: जेल सुधार में अधिकारियों के साथ-साथ नागरिकों की भी भागीदारी सुनिश्चित करना.

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