रविदास जयंती पर MP में भिड़े सियासी दिग्गज, गोविंद सिंह और विश्वास सारंग आमने-सामने

मध्य प्रदेश में संत रविदास जयंती पर भी सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस को दो सीनियर नेता आमने-सामने आ गए.

Feb 12, 2025 - 11:46
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रविदास जयंती पर MP में भिड़े सियासी दिग्गज, गोविंद सिंह और विश्वास सारंग आमने-सामने

मध्य प्रदेश में एक तरफ संत रविदास जयंती पर कई आयोजन किए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ इस मामले में सियासत भी हाई हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं. इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के सीनियर नेता डॉ. गोविंद सिंह ने संत रविदास जयंती को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिस पर मोहन सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार किया है, ऐसे में रविदास जयंती को लेकर भी सियासी माहौल गर्मा गया है. 

गोविंद सिंह ने साधा निशाना 

कांग्रेस नेता डॉ. गोविंद सिंह ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा 'चुनाव के पहले अनुसूचित जाति के भाइयों को गुमराह करने के लिए अवकाश घोषित किया गया था, सागर में मंदिर का भूमिपूजन किया गया था, लेकिन आज चुनाव नहीं है इसलिए कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं करवाया जा रहा है. संत रविदास जी का नाम यह वोटो के लिए लेते हैं, अब काम निकल गया इसलिए उनको भूल चुके हैं, यह प्रमाणित हो चुका है, जनता को ठगने और धोखा देने के लिए यह रविदास जी का नाम लेते है.'

विश्वास सारंग का पलटवार 

गोविंद सिंह के इस बयान के बाद सियासी माहौल गर्मा गया, ऐसे में बीजेपी ने भी काउंटर करने में देर नहीं लगाई. मोहन सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने गोविंद सिंह बयान पर तुरंत पलटवार किया. उन्होंने कहा 'वो संत वो महापुरुष जिन्होंने समाज का निर्माण किया वो हमारे लिए हर समय आदरणीय है, कांग्रेस को अधिकार नहीं है इस तरह की बात करने का क्योंकि कांग्रेस ने 50-55 साल तक इस देश में राज किया, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने संत रविदास जी के लिए क्या काम किया है, यह हम हैं हमने ऐसे संत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की और यह हमारा कर्तव्य भी है मुझे लगता है कांग्रेस को अपने गिरेवान में झांकना चाहिए.'

दोनों नेताओं की राजनीतिक बयानबाजी से मध्य प्रदेश में सियासी पारा गर्माता नजर आ रहा है, क्योंकि संत रविदास के मुद्दे पर दोनों ही पार्टियां मुखर नजर आती हैं, क्योंकि अनुसूचित जाति का बड़ा वोटबैंक मध्य प्रदेश में हैं. ऐसे में दोनों ही राजनीतिक दल इसको प्रभावित नहीं करना चाहते हैं. 

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