लोकसभा में रिकॉर्डतोड़ निलंबन, हंगामे पर 33 सांसद सस्पेंड, कांग्रेस बोली- तानाशाही चरम पर
सदन में हंगामा करने के आरोप में लोकसभा से सोमवार को सदस्यों का रिकॉर्डतोड़ निलंबन किया गया. सदन से 33 मेंबर्स को निलंबन किया गया, जबकि 13 सदस्य पिछले हफ्ते सस्पेंड हुए थे.
सदन में हंगामा करने के आरोप में सोमवार को लोकसभा में सदस्यों का रिकॉर्डतोड़ निलंबन किया गया. स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के 31 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया है. सस्पेंड होने वालों में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी और डीएमके नेता टीआर बालू भी शामिल हैं. कांग्रेस ने स्पीकर की इस कार्रवाई को तानाशाही करार दिया है. वहीं संवैधानिक जानकारों का कहना है कि सदन के संचालन के लिए नियम पुस्तिका बनी हुई है, जिसका उल्लंघन करने पर सांसदों एक दिन या पूरे सत्र के लिए सस्पेंड किया जा सकता है.
पिछले हफ्ते 13 सांसद हुए थे निलंबित
बताते चलें कि संसद की सुरक्षा मामले में हंगामा करने पर स्पीकर शुक्रवार को लोकसभा के 13 सांसद इस पूरे सत्र के लिए निलंबित किए थे. इस मुद्दे पर विपक्ष के सांसदों ने सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा किया. वे निलंबित हुए सांसदों का पनिशमेंट खत्म करने और गृह मंत्री अमित शाह के लोकसभा में बयान की मांग कर रहे थे. स्पीकर ओम बिरला ने उनसे कई बार शांति बनाए रखने का आग्रह किया लेकिन सदन में हंगामा होता रहा.
सोमवार को 33 सांसद और हुए सस्पेंड
इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने हंगामा कर रहे सभी सांसदों को पूरे शीत सत्र के लिए सदन से सस्पेंड करने की मांग की. इस अपील पर स्पीकर ओम बिरला ने अधीर रंजन चौधरी और T R बालू समेत विपक्ष के 33 सांसदों को लोकसभा से सस्पेंड कर दिया. इस नए पनिशमेंट के साथ ही लोकसभा से सस्पेंड हुए सांसदों की संख्या बढ़कर अब 46 हो गई है. जबकि हंगामे के आरोप में राज्यसभा का एक विपक्षी सांसद भी सस्पेंड चल रहा है.
इन सांसदों पर गिरी निलंबन की गाज
स्पीकर ने जिन सांसदों को सस्पेंड किया है, इनमें डीएमके और टीएमसी के 9-9 एमपी हैं. इसके अलावा IUML के 2 और RSP व JDU के 1-1 सांसद भी सस्पेंड किए गए हैं. निलंबित होने वाले सांसदों में दयानिधि मारन, टीआर बालू, काकोली घोष, के सुरेश, एस रामालिंगम, गौरव गोगोई, सौगत रॉय, ए राजा, कल्याण बनर्जी, सुनीकल कुमार मंडल के नाम शामिल हैं. उनके साथ ही कौशलेंद्र कुमार, प्रतिमा मंडल और अधीर रंजन चौधरी का भी पूरे सत्र के लिए सस्पेंशन किया गया है
मोदी सरकार की तानाशाही'
सांसदों के मास निलंबन पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. कांग्रेस ने पोस्ट कर लिखा, तारीख- 18 दिसंबर 2023. दिन- सोमवार. एक बार फिर सदन में सवाल पूछने पर विपक्ष के सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है. ये है मोदी सरकार की तानाशाही. संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर विपक्ष के सांसद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से जवाब मांग रहे हैं.
आवाज दबाने का तरीका'
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सवाल पूछना विपक्ष का हक है और जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है. यह जनता की आवाज दबाने का एक दमनकारी रवैया है और हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं, लड़ते रहेंगे. मोदी सरकार को जवाब देना ही होगा.
'सरकार की तानाशाही चरम पर'
सदन से निलंबित हुए कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार की तानाशाही चरम पर है. विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह के सदन में बयान देने और निलंबित सांसदों की बहाली की मांग की थी. केवल इतनी सी बात पर मास लेवल पर विपक्षी सांसदों का सस्पेंशन कर दिया. लेकिन इस तानाशाही के बावजूद चीजें बीजेपी के मुताबिक नहीं चलेंगी.
इन नियमों के तहत होता है निलंबन
लोकसभा की रूल बुक के नियम 373 के मुताबिक अगर कोई सदस्य सदन में हंगामा करता है तो स्पीकर उसे एक दिन के लिए सस्पेंड कर सकता है. वहीं नियम 374 के तहत अगर स्पीकर की नजर में सांसद का दोष ज्यादा बड़ा हो तो वह उसे एक निश्चित अवधि या पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर सकता है. राज्यसभा में यह कार्रवाई राज्यसभा की रूल बुक 255 के तहत होती है. इसके तहत दोषी सांसद पर निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है.
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