सिर्फ रन नहीं, धन के मामले में भी काफी आगे हैं वैभव सूर्यवंशी, 14 की उम्र में इतनी है नेट वर्थ
14 साल के वैभव पहली बार आईपीएल 2025 से पहले हुए मेगा ऑक्शन से चर्चा में आए। आईपीएल 2025 में वैभव ने 7 मैचों में 252 रन बनाए थे।
आईपीएल 2025 को खत्म हुए कई महीने बीत चुके हैं लेकिन फैंस के जुबां पर अभी भी वैभव सूर्यवंशी का नाम छाया हुआ है। दरअसल, आईपीएल 2025 में वैभव सूर्यवंशी ने अपने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था, जहां, उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए 35 गेंदों में तूफानी शतक जड़ा था। उनका ये फॉर्म आईपीएल के बाद भी जारी रहा। वैभव इस वक्त इंग्लैंड में अंडर-19 यूथ वनडे सीरीज खेल रहे हैं। वहां भी वह बल्ले से लगातार रन बना रहे हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ यूथ वनडे सीरीज में खूब रन बना रहे हैं वैभव सूर्यवंशी
इंग्लैंड अंडर-19 टीम के खिलाफ जारी यूथ वनडे सीरीज में वैभव सूर्यवंशी ने अब तक खेले गए 4 मुकाबलों में 80.50 की औसत और 198.76 की स्ट्राइक रेट से 322 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 1 शतक और 1 अर्धशतक लगाया है। शनिवार को खेले गए चौथे मैच में उन्होंने 52 गेंदों पर सेंचुरी लगाकर इतिहास रच दिया। इसके बाद से एक बार फिर वैभव सुर्खियों में आ गए। इस बीच हम आपको बताएंगे कि 14 साल के वैभव सूर्यवंशी की नेटवर्थ कितनी है।
इतने करोड़ के मालिक हैं वैभव सूर्यवंशी
आईपीएल 2025 से पहले हुए मेगा ऑक्शन के दौरान वैभव सूर्यवंशी पहली बार सुर्खियों में आए थे। वहां राजस्थान रॉयल्स ने वैभव को 1.1 करोड़ में खरीदा था। मीडिया में मौजूद जानकारी के मुताबिक, बिहार के समस्तीपुर निवासी वैभव की नेटवर्थ 1 से डेढ़ करोड़ के बीच है। राजस्थान रॉयल्स ने ही उन्हें 1 करोड़ 10 लाख रुपये में अपने साथ जोड़ा था। 18वें सीजन में उनके प्रदर्शन को देखते हुए यह लगभग तय है कि फ्रेंचाइजी उन्हें अगले सीजन भी रिटेन करेगी। इसके अलावा घरेलू क्रिकेट से भी उनकी कमाई हो जाती है। उन्हें मैच फीस और विज्ञापन से भी पैसे मिलते हैं। उनकी कमाई का मुख्य स्रोत IPL, घरेलू मैच फीस और विज्ञापन हैं।
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर गांव में हुआ था। जब वैभव सिर्फ चार साल के थे, तभी उनके पिता संजीव ने उन्हें क्रिकेट सिखाना शुरू कर दिया था। उनके पिता ने खुद वैभव को कोचिंग दी। बाद में, उन्होंने समस्तीपुर के एक क्रिकेट अकादमी में वैभव का एडमिशन करवाया, जो उनके गांव से काफी दूर था। उसके बाद उन्होंने पटना जाकर क्रिकेट खेलना शुरू किया। वैभव ने छोटी उम्र में जितनी कड़ी मेहनत की, उसका फल उन्हें आज मिल रहा है।
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