राहुल गांधी बन सकते हैं नेता प्रतिपक्ष, जानें इस पद पर रहने वाले के पास कितनी पावर होती है?
पिछले 10 साल से लोकसभा में खाली रहने वाला नेता प्रतिपक्ष का पद इस बार कांग्रेस के पास रहने वाला है. कांग्रेस में राहुल गांधी इस पद के सबसे बड़े दावेदार हैं. आखिर नेता प्रतिपक्ष के पास कितनी शक्तियां होती हैं और उसका क्या काम होता है, जानिए यहांः
10 साल से खाली था नेता प्रतिपक्ष का पद
काफी अहम होती है नेता प्रतिपक्ष की भूमिका
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी के 99 उम्मीदवारों ने चुनाव जीता. वहीं महाराष्ट्र के सांगली से निर्दलीय चुने गए विशाल पाटिल ने भी अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया है. एनडीए सरकार बनाने की तैयारियों में जुटा हुआ है और इंडिया गठबंधन विपक्ष में बैठने के लिए तैयार है.
10 साल से खाली था नेता प्रतिपक्ष का पद
पिछले 10 साल से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली था. इस पद को पाने के लिए सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के पास कम से कम 10 फीसदी सीटें होनी जरूरी हैं जबकि 2014 और 2019 में कांग्रेस के सांसदों की संख्या 54 से भी कम थी. ऐसे में यह पद खाली था लेकिन अब इस पद के सबसे बड़े दावेदार राहुल गांधी हैं.
राहुल गांधी के नाम को लेकर हैं अटकलें
रिपोर्ट्स में अटकलें लगाई जा रही हैं कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बनकर विपक्ष की आवाज मजबूत कर सकते हैं. हालांकि राहुल गांधी 2014 और 2019 में कांग्रेस संसदीय दल के नेता नहीं बने थे. अगर राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बनते हैं तो उनके ऊपर काफी बड़ी जिम्मेदारी भी होगी.
काफी अहम होती है नेता प्रतिपक्ष की भूमिका
नेता प्रतिपक्ष कई महत्वपूर्ण समितियों का सदस्य होता है जिनमें से कुछ समितियां प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के मुखिया को चुनने का काम भी करती हैं. नेता प्रतिपक्ष केंद्रीय सूचना आयोग, केंद्रीय सतर्कता आयोग के प्रमुख के चुनाव में भी सहयोग अदा करता है. कई कार्यों में प्रधानमंत्री और स्पीकर से उसकी नियमित बातचीत भी होती है.
नेता प्रतिपक्ष के पद को साल 1977 में वैधानिक मान्यता दी गई थी. इस पद पर रहने वाले को कैबिनेट मंत्री के बराबर वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं मिलती हैं. विपक्ष के नेता के पद का संविधान में जिक्र नहीं है. यह संसदीय संविधि में है.
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