MP में चुनावों का बिगुल, 17 नवंबर को तय होगा भविष्य..जानिए 230 सीटों का समीकरण

मध्य प्रदेश में एक ही दिन 17 नवंबर को वोट डाला जाएगा. जबकि इसका परिणाम उसी दिन 3 दिसंबर को आएगा जिस दिन बाकी राज्यों के चुनावों की मतगणना होनी है. मध्य प्रदेश चुनाव के लिए अधिसूचना 21 अक्टूबर को जारी होगी.

Oct 9, 2023 - 14:01
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MP में चुनावों का बिगुल, 17 नवंबर को तय होगा भविष्य..जानिए 230 सीटों का समीकरण

पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग ने सोमवार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव की तारीख घोषित कर दी है. छत्तीसगढ़ में दो चरणों में जबकि बाकी के चार राज्यों में 1 चरण में चुनाव होगा. इसी कड़ी में आइए समझते हैं कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव किन परिस्थितियों में हो रहा है और चुनाव को लेकर कितनी सरगर्मियां वहां बढ़ी हुई हैं. मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं और दोनों मुख्य पार्टियों ने अपना प्रचार तेज कर दिया है.

एमपी में 17 नवंबर को मतदान

दरअसल, चुनाव आयोग के मुताबिक मध्य प्रदेश में एक ही दिन 17 नवंबर को वोट डाला जाएगा. जबकि इसका परिणाम उसी दिन 3 दिसंबर को आएगा जिस दिन बाकी राज्यों के चुनावों की मतगणना होनी है. मध्य प्रदेश चुनाव के लिए अधिसूचना 21 अक्टूबर को जारी होगी और नामांकन की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर होगी. नामांकन पत्रों की जांच 31 अक्टूबर को की जाएगी और नाम वापस लेने की अंतिम तारीख दो नवंबर होगी. चुनाव आयोग ने यह भी बताया है कि पूरे मध्य प्रदेश में 64,523 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे.

सरकार का कार्यका 6 जनवरी तक

इस समय मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. शिवराज की अगुवाई वाले मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 6 जनवरी 2024 को पूरा हो रहा है. राज्य की 230 विधानसभा सीटों में 148 सीटें सामान्य की हैं. जबकि 35 सीटें एससी और 47 सीटें एसटी कैटेगरी के लिए रिजर्व हैं. राज्य में कुल 5.6 करोड़ मतदाता हैं. यानी कि मध्य प्रदेश में मतदाता- 5,61,36,229, युवा मतदाता- 11,29,513 हैं.

कमलनाथ को चकमा देकर शिवराज-सिंधिया ने खिलाया था 'फूल'

असल में पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 230 सदस्यीय विधानसभा में 114 सीटें जीती थीं और गठबंधन की सरकार बनाई थी. वहीं बीजेपी ने 109 सीटें जीती थीं. लेकिन बागी हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होकर कांग्रेस की सरकार गिरा दी थी और कमलनाथ की जगह एक बार फिर मार्च 2020 में एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान सीएम बने थे. फिलहाल अब जबकि चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपनी ताकत झोंक दी है. देखना है कि इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा.