दरगाह की जमीन वक्फ की नहीं, बोर्ड को बड़ा झटका, MP हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

भारत में वक्फ बोर्ड विवाद के बीच मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट ने बोर्ड को बड़ा झटका दिया था. वक्फ ने वर्षों पहले जिस निजि जमीन को अपना बताया उस पर कोर्ट ने नोटिस जारी किया है

Jan 20, 2025 - 14:43
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दरगाह की जमीन वक्फ की नहीं, बोर्ड को बड़ा झटका, MP हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

वक्फ बोर्ड को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से सोमवार को बड़ा झटका लगा है. रीवा की निजी जमीन और उस पर बने दरगाह पर वक्फ बोर्ड ने मालिकाना हक जताया था. महज रजिस्टर में जमीन की एंट्री कर वक्फ बोर्ड ने अपनी सम्पति घोषित कर दी थी. इस मामले में रीवा के अमहिया निवासी हाजी मोहम्मद अली की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. 

याचिका में याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि महज रजिस्टर में दर्ज कर लेने भर से कोई भी संपत्ति वक्फ की प्रॉपर्टी नहीं हो जाती. 100 साल पहले याचिकाकर्ता के बाबा स्वर्गीय अब्दुल मन्नान ने अपने पूर्वज हाजी सैयद जहूर अली शाह के नाम की दरगाह अपनी निजी भूमि पर बनवाई थी. रीवा जिले के अमहिया स्थित जमीन याचिकाकर्ता और न ही उनके परिवार ने कभी भी नहीं वक्फ बोर्ड को दान दी थी. 

हाई कोर्ट ने दिए ये निर्देश

बिना दान और समर्पण की प्रक्रिया के ही वक्फ बोर्ड में निजी जमीन पर दावा ठोक दिया था. बिना सूचना और सुनवाई का अवसर दिए ही वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति के रूप में जमीन दर्ज कर ली थी. मामले की सुनवाई करते हुए एमपी हाई कोर्ट के जस्टिस विशाल धगट ने वक्फ बोर्ड की कार्रवाई पर रोक लगाई. कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए.

इससे पहले भी लग चुका झटका

इससे पहले पिछले साल अगस्त में हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड के खिलाफ ऐसा ही आदेश सुनाया था. अदालत ने बुरहानपुर की 3 ऐतिहासिक इमारतों को मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी मानने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा था कि मुगल बादशाह शाहजहां की बहू का मकबरा वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी नहीं हो सकती. कोर्ट ने सवाल किया था कि प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम 1904 के तहत आने वाली सम्पत्तियों पर वक्फ बोर्ड अपना हक कैसे जता सकता है. बोर्ड ने बुरहानपुर की मकबरे के साथ-साथ 3 ऐतहासिक इमारतों को अपनी संपत्ति बताते हुए एक अधिसूचना जारी की थी. 

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