यूं ही नहीं निकली यूनुस की हेकड़ी! भारत नहीं देगा ये 7 चीजें, तो मोहताज हो जाएगा बांग्लादेश
बांग्लादेश का रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्ट भारत से मिलने वाले कच्चे कपास पर निर्भर है, वहीं पेट्रोल और दवाइयों से लेकर मशीनरी तक, भारत उसकी जरूरतों का प्रमुख सप्लायर है. ऐसे में भारत द्वारा बांग्लादेश को आयात किए जाने वाले ऐसे 7 प्रोडक्ट्स हैं, जिन पर आज बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है.
यूनुस ने सेवन सिस्टर्स स्टेट पर दिया था बयान
भारत के प्रोडक्ट्स पर निर्भर है बांग्लादेश
बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस पिछले साल दिसंबर से ही, पीएम मोदी से मिलने की तमाम कोशिशें कर रहे थे, लेकिन भारत की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया. जिसके बाद बांग्लादेश ने बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात का अनुरोध किया. हालांकि, भारत इस बार भी बातचीत के लिए तैयार नहीं था. जिसकी वजह चीन में दिए गए हालिया बयान को बताया गया. लेकिन आखिरी वक्त में यूनुस की तमाम जद्दोजहद के बाद भारत ने मुलाकात के अनुरोध स्वीकार कर ही लिया. कुछ दिन पहले चीन में हेकड़ी दिखाने वाले युनूस ने इस मुलाकात के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिए.
इस मुलाकात की कोशिश के पीछे कई कारण हैं, उनमें से भारत द्वारा दी जाने वाली ऐसे 7 प्रोडक्ट्स हैं, जिसके बिना बांग्लादेश की कल्पना भी नहीं की सकती. आइए जानते हैं.
यूनुस ने ‘सेवन सिस्टर्स’ पर दिया था बयान
बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन का दौरा किया था. जहां पर उन्होंने ‘सेवन सिस्टर्स’ यानी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर एक बयान दिया था. दरअसल, 28 मार्च को बीजिंग में हुए एक राउंडटेबल में यूनुस ने चीनी उद्योगपतियों को लुभाते हुए कहा, ‘सेवन सिस्टर्स भारत के लैंडलॉक्ड राज्य हैं. समुद्र तक उनका कोई रास्ता नहीं. हम उनके लिए एकमात्र समुद्री दरवाजा हैं. ये बहुत बड़ा अवसर है.
पीएम मोदी ने दी हिदायत
इस बयान पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे ‘अपमानजनक’ बताते हुए कहा कि ये भारत के रणनीतिक हितों के खिलाफ है. वहीं टिपरा मोथा पार्टी के नेता प्रद्योत माणिक्य ने तो यहां तक कह दिया कि भारत को बांग्लादेश को तोड़कर समुद्र तक सीधी पहुंच बनाने पर विचार करना चाहिए. वहीं कुछ भारतीय विश्लेषकों ने यूनुस के बयान को ‘उकसाने वाला’ बताया.
जिसके बाद बांग्लादेश ने अपने बयान को नेक इरादा बताया था. वहीं पीएम मोदी ने मुलाकात के दौरान, यूनुस को गैरजरूरी बयानबाजी से दूर रहने की हिदायत भी दी.
भारत के 7 प्रोडक्ट्स, जिन पर टिका बांग्लादेश
जिनमें सबसे पहला कपास है. जिसके बिना बांग्लादेश में कपड़ा उद्योग की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. साल 2023 में भारत से 1.92 बिलियन डॉलर और साल 2024 में 2.36 बिलियन डॉलर का कपास आयात किया था.
वहीं दूसरा सबसे प्रमुख उत्पाद पेट्रोलियम है. जिसके बिना बांग्लादेश का ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप हो जाएगा. बांग्लादेश ने भारत से साल 2023-24 में 1.25 बिलियन डॉलर का पेट्रोलियम आयात किया था.
तीसरी सबसे जरूरी चीज अनाज है. बांग्लादेश मुख्य रूप से चावल और गेहूं के लिए भारत पर निर्भर रहता है. अगर भारत अनाज रोक दे तो बांग्लादेश में भुखमरी जैसे हालात हो जाएंगे. साल 2021-22 में बांग्लादेश ने भारत से 119.16 करोड़ डॉलर का गेहूं और 61.39 करोड़ डॉलर का चावल निर्यात किया था.
चौथा केमिकल और फार्मास्यूटिकल्स प्रोडक्ट्स हैं, जिसके बिना बांग्लादेश की इंडस्ट्री ठप हो सकती है और दवाइयों की कमी से स्वास्थ्य क्षेत्र प्रभावित हो जाएंगे. साल 2022-23 में बांग्लादेश ने 11.3 बिलियन डॉलर के केमिकल और फार्मास्यूटिकल्स प्रोडक्ट्स आयात किए थे.
पांचवा मशीनरी और वाहन निर्माण है. अगर भारत इन्हें रोक दे तो बांग्लादेश में, कार्य और ढुलाई दोनों सीधे रूप से प्रभावित होंगे. बांग्लादेशन ने भारत से साल 2022-23 में 11.3 बिलियन डॉलर के मशीनरी और वाहन निर्माण आयात किया था.
छठा लौह और इस्पात है. जिसके बिना बांग्लादेश की आधारभूत संरचना और निर्माण कार्य ठप पड़ सकता है.
सातवां जोकि सबसे महत्वपूर्ण प्रोडक्ट प्लास्टिक है. बांग्लादेश में बड़े स्तर पर खिलौने बनाए जाते हैं. अगर भारत प्लास्टिक भेजना बंद कर दे तो बांग्लादेश में बेरोजगारी भी बढ़ जाएगी. क्योंकि बांग्लादेश में बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार, छोटे उद्योगों पर निर्भर है.
ऐसे में भारत इन सात प्रोडक्ट्स को बांग्लादेश को भेजना रोक दे, तो बांग्लादेश में भुखमरी जैसे हालात हो सकते हैं.
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