हेड कॉन्स्टेबल पर रिश्वत लेते दिखाने वाले एडिटिड वीडियो मामले में पत्रकार को मिली अग्रिम ज़मानत

Nov 18, 2025 - 16:59
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हेड कॉन्स्टेबल पर रिश्वत लेते दिखाने वाले एडिटिड वीडियो मामले में पत्रकार को मिली अग्रिम ज़मानत

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार 17 नवंबर को तेज़ इंडिया यूट्यूब चैनल पर वायरल हुए वीडियो के मामले में पत्रकार रफ़ीक़ ख़ान की अग्रिम ज़मानत मंज़ूर की। ख़ान पर आरोप है कि उन्होंने वीडियो को एडिट कर ऐसा दिखाया कि रतलाम के एक हेड कॉन्स्टेबल ने ऑटोरिक्शा चालक से रिश्वत ली। मामले की डायरी के अनुसार हेड कॉन्स्टेबल ने थाना प्रभारी को लिखित शिकायत दी कि रेलवे स्टेशन क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान उन्हें ऑटोरिक्शा चालक वाहनों की आवाजाही में बाधा डालता मिला। चालक के भागने पर कुछ दूरी पर उसे रोककर 'नो पार्किंग ज़ोन' में खड़ा करने पर चालान जारी किया गया। इसी दौरान पत्रकार रफ़ीक़ ख़ान वहां पहुंचे और घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया।

बाद में कॉन्स्टेबल को पता चला कि तेज़ इंडिया यूट्यूब चैनल पर प्रसारित वीडियो में उन्हें रिश्वत लेते हुए दिखाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि वीडियो को एडिट कर उनके खिलाफ झूठा और बदनाम करने वाला सामग्री बनाई गई, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। इन आरोपों के आधार पर पत्रकार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 336(3) (धोखा देने की नीयत से जालसाजी) और 336(4) (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की नीयत से जालसाजी) के तहत FIR दर्ज की गई।

जस्टिस संजीव एस. कालगांवकर की बेंच ने कहा कि मामले की जांच अभी जारी है। अदालत ने यह भी नोट किया कि रफ़ीक़ ख़ान एक पेशेवर पत्रकार हैं, उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वे पारिवारिक ज़िम्मेदारियों वाले व्यक्ति हैं। ऐसे में उनके फरार होने, दोबारा किसी अपराध में संलिप्त होने या सबूतों से छेड़छाड़ की कोई आशंका नहीं है। अदालत ने कहा कि इस स्तर पर उनकी गिरफ्तारी आवश्यक नहीं है और हिरासत में भेजना उन्हें सामाजिक रूप से अपमानित करने के अलावा किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा। इस आधार पर अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ आरोपों के मेरिट पर राय दिए बिना समग्र परिस्थितियों को देखते हुए अग्रिम ज़मानत दी जाती है।

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