4 राज्यों में कांग्रेस-आप की डील सील, लोकसभा चुनाव में बीजेपी का कितना बिगड़ेगा खेल?
इन चारों राज्यों की बात करें तो गुजरात में बीजेपी पर गठबंधन का असर बहुत ज्यादा नहीं दिखेगा. लेकिन जानकारों का यह जरूर कहना है कि हरियाणा और गोवा में कुछ जगहों पर मुकाबला रोचक हो सकता है. इसे समझने की जरूरत है कि यह बीजेपी के लिए कितना नुकसानदेह साबित होगा.
लड़ते झगड़ते और नेताओं की तीखी बयानबाजियों के बावजूद भी आखिरकार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी चार राज्यों में एक साथ आने पर सहमत हो गई है. इस तरह एक तरफ दोनों पार्टियों ने मिलकर इंडिया गठबंधन का अस्तित्व बचाने का भी काम किया और दूसरी तरफ बीजेपी से एक साथ लड़ने के लिए अपनी संभावनाओं को भी निराश नहीं किया. वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर लहर और मोदी सरकार की उपलब्धियों पर सवार बीजेपी तूफान की तरह लोकसभा चुनाव की तरफ बढ़ रही है. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस और आप के गठबंधन पर बीजेपी के नफा नुकसान पर जुट गए हैं.
यह सही है कि अभी दोनों पार्टियों ने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है लेकिन चुनावों के लिए दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, चंडीगढ़ और गोवा में सीट-बंटवारे समझौते की घोषणा कर दी है. इस समझौते के तहत आप दिल्ली में तीन सीटों पर कांग्रेस चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. हरियाणा में कांग्रेस नौ जबकि कुरूक्षेत्र से आप मैदान में रहेगी. वहीं गुजरात में कांग्रेस 24 सीटों पर और आप भावनगर और भरूच सीटों पर अपनी किस्मत आजमाएगी.
कहां कितनी हैं संभावनाएं..
इसके अलावा कांग्रेस चंडीगढ़ और गोवा की दो लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. हालांकि पंजाब के लिए किसी सीट-बंटवारे समझौते की घोषणा नहीं की गई है. कहा गया है कि आप और कांग्रेस दोनों अपने-अपने चुनाव चिन्हों पर चुनाव लड़ेंगे. इसका मतलब साफ है कि पंजाब के लिए गठबंधन नहीं हुआ है. अब यह समझना होगा कि किस राज्य में इस गठबंधन के लिए संभावनाएं बनेगी.
दिल्ली
दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर अब मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है, क्योंकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनावों में साथ आने का फैसला किया है. लेकिन, बीजेपी को हराना आसान नहीं होगा. 2019 के चुनावों में, बीजेपी ने दिल्ली की सभी 7 सीटों पर जीत हासिल की थी, और सभी उम्मीदवारों ने 50% से अधिक वोट हासिल किए थे. औसतन, बीजेपी ने 56% वोट हासिल किए थे, जबकि कांग्रेस और AAP ने 44% वोट हासिल किए थे.
गुजरात: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन का असर गुजरात में कम दिख रहा है. कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर है और गुजरात बीजेपी का गढ़ रहा है. ऐसे में गठबंधन से बीजेपी को ज्यादा नुकसान होने की संभावना नहीं है.
हरियाणा: गठबंधन का असर हरियाणा में ज़्यादा दिख सकता है. यहां कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ेंगे, जिससे आमने-सामने का मुकाबला होगा और वोट बंटने की संभावना भी कम होगी.
गोवा: कांग्रेस गोवा में अकेले चुनाव लड़ेगी. पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही 1-1 सीट हासिल की थी. यहां भी वोट का बंटने की संभावना कम है.
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