किन मुद्दों पर नेताओं के बोलने से हो जाता आचार संहिता का उल्लंघन? जानिए नियम

आचार संहिता इस वक्त देश में लागू है और इस दौरान नेताओं को कई नियमों का ध्यान रखना होता है. आइए जानते हैं कि इसके क्या नियम हैं.

Apr 22, 2024 - 10:13
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किन मुद्दों पर नेताओं के बोलने से हो जाता आचार संहिता का उल्लंघन? जानिए नियम

देश में इन दिनों चुनावी माहौल है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) के लिए 7 चरणों में वोटिंग होनी है और 1 फेज का मतदान हो भी चुका है. बाकी बचे चरणों के लिए राजनीतिक पार्टियों जोर-शोर से लगी हुई हैं. इस दौरान नेताओं के एक-दूसरे पर कटाक्ष और बयानबाजी भी तेज हो गई है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही देशभर में आचार संहिता  लागू हो गई थी लेकिन नेता बयानबाजी से चूक नहीं रहे हैं. कई नेताओं को चुनाव आयोग नोटिस भी थमा चुका है. आइए जानते हैं कि क्या करने से आचार संहिता का उल्लंघन हो जाता है. आचार संहिता में क्या करने की मनाही होती है.

आचार संहिता क्या होती है?

जान लें कि देश में निष्पक्ष इलेक्शन कराने के लिए चुनाव आयोग के कुछ नियम हैं. चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहा जाता है. लोकसभा और विधानसभा से लेकर पंचायत चुनाव तक आचार संहिता लागू होती है. चुनाव के दौरान सियासी पार्टियों और नेताओं को इन नियमों का पालन करना होता है.

क्या करने से होता है आचार संहिता का उल्लंघन?

- कोई भी नेता किसी भी चुनावी रैली में या किसी प्रकार के संबोधन में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकता है. अगर वह ऐसा करता है तो आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है.

- चुनाव आचार संहिता लगने के बाद कई रूल भी लागू हो जाते हैं. इनका उल्लंघन कोई भी राजनीतिक पार्टी या नेता नहीं कर सकता है.

  • सरकारी गाड़ी, सरकारी प्लेन या सरकारी बंगले का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं हो सकता है.
  • किसी भी प्रकार की सरकारी घोषणा, उद्घाटन और शिलान्यास आदि आचार संहिता के दौरान नहीं हो सकता है.
  • अगर रैली करनी है तो हर सियासी दल, प्रत्याशी, नेता या समर्थकों को पहले पुलिस से इजाजत लेनी होती है.
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