पारदर्शी, डिजिटल और सत्यापित भू-अभिलेख; शिवराज सिंह ने 'नक्शा' प्रोग्राम पर ये कहा

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि व किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, नक्शा कार्यक्रम, सटीक और डिजिटल भू-रिकॉर्ड तैयार करने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण, जीएनएसएस मानचित्रण और जीआईएस उपकरण जैसी उन्नत तकनीकों का लाभ उठाता है.

Nov 10, 2025 - 11:58
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पारदर्शी, डिजिटल और सत्यापित भू-अभिलेख; शिवराज सिंह ने 'नक्शा' प्रोग्राम पर ये कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग ने 'नक्शा' (राष्ट्रीय शहरी निवास-स्थल भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित भूमि सर्वेक्षण) कार्यक्रम की शुरुआत की है. यह भारत में भूमि प्रबंधन, प्रशासन और भूमि-रिकॉर्ड रख-रखाव में बदलाव लाने की एक पहल है. यह कार्यक्रम एक पारदर्शी, डिजिटल और सत्यापित भू-अभिलेख प्रणाली का निर्माण कर रहा है, जो न सिर्फ नागरिकों के जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि कस्बों और शहरों के विकास को भी गति प्रदान करेगी. नक्शा कार्यक्रम को लेकर शिवराज सिंह ब्लॉग लिखा है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या लिखा?

बिचौलियों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं : शिवराज सिंह

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि व किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, नक्शा कार्यक्रम, सटीक और डिजिटल भू-रिकॉर्ड तैयार करने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण, जीएनएसएस मानचित्रण और जीआईएस उपकरण जैसी उन्नत तकनीकों का लाभ उठाता है. इस पहल के तहत, नागरिकों को 'योरप्रो' (शहरी संपत्ति स्वामित्व रिकॉर्ड) कार्ड मिलता है, जो स्वामित्व का एक डिजिटल प्रमाण है और संपत्ति के लेन-देन को आसान बनाता है.

शिवराज सिंह चौहान ने एक 'ब्लॉग' में लिखा, "सरकार 'योरप्रो' कार्यक्रम को समर्थन दे रही है. 'नक्शा' के साथ, लोगों को अब स्वामित्व की पुष्टि के लिए दस्तावेजों या बिचौलियों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. इससे ऋण प्राप्त करने, बिक्री पूरी करने, उत्तराधिकार प्राप्त करने और विवादों का निपटारा करने की प्रक्रिया तेज और अधिक पारदर्शी हो गई है. आखिरकार, नक्शा सिर्फ एक तकनीकी सुधार नहीं है, यह नागरिक सशक्तिकरण, समानता और भू-स्वामित्व में कानूनी आश्वासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है."

केंद्रीय मंत्री ने 'ब्लॉग' में लिखा, "नक्शा कार्यक्रम मुख्य रूप से उन नागरिकों को लाभान्वित करता है, जो लंबे समय से अधूरे या अप्रचलित भू-दस्तावेजों पर निर्भर रहे हैं. नागरिक आसानी से ऑनलाइन प्रारूप मानचित्र देख सकते हैं और आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं, जिससे इस प्रक्रिया में जनता की भागीदारी सुनिश्चित होती है. संक्षेप में, जो भू-रिकॉर्ड कभी धूल भरे रजिस्टरों में सिर्फ हस्तलिखित प्रविष्टियों के रूप में मौजूद था, वह अब रंगीन, इंटरैक्टिव और पारदर्शी डिजिटल मानचित्रों में विकसित हो गया है. यह आधुनिक, डेटा-संचालित शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है."

उन्होंने यह भी बताया कि नक्शा कार्यक्रम, आपदा प्रबंधन और शहरी नीति-निर्माण के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में उभर रहा है. यह लोगों को बाढ़-जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने में सक्षम बनाता है, जबकि चक्रवात, भूकंप या आग की स्थिति में, यह बिना किसी देरी के बचाव और राहत कार्यों को शुरू करने की सुविधा देता है.

सत्यापित डिजिटल स्वामित्व रिकॉर्ड

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सत्यापित डिजिटल स्वामित्व रिकॉर्ड यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मुआवजा और सहायता सही लाभार्थियों तक शीघ्रता से पहुंचे. इससे आपदा के बाद पूर्वस्थिति को बहाल करने की प्रक्रिया अधिक कुशल हो जाती है. इसके अलावा, नक्शा संतुलित और सतत अवसंरचना विकास को बढ़ावा देकर दीर्घकालिक शहरी सुदृढ़ता का समर्थन करता है.

उन्होंने बताया कि एनआरआई और दिव्यांगजनों जैसे वर्गों के लिए, नक्शा सुरक्षा और सुलभता प्रदान करता है. यह उन्हें संपत्ति के रिकॉर्ड ऑनलाइन देखने और सत्यापित करने की सुविधा देता है. इसके साथ ही, यह किसी भी धोखाधड़ी और अतिक्रमण के जोखिम को कम करता है. इससे सरकारी कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाए बिना आसान पहुंच सुनिश्चित होती है

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