यूपी-बिहार से लेकर जम्मू कश्मीर तक वक्फ बिल पर हंगामा, देखिए MP में संशोधन के बाद क्या बदलेगा
एक तरफ जहां देश में वक्फ बिल पर हंगामा देखने को मिल रहा है. वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड की प्रापर्टी को लेकर सर्वे का काम शुरू हो चुका है. आइए जानते हैं एमपी में वक्फ बिल संशोधन के बाद क्या-क्या बदलाव हुआ है.
सदन के दोनों सदनों से वक्फ संशोधन बिल 2025 पारित हो गया है. वक्फ बोर्ड बिल पास होने के बाद से यूपी-बिहार से लेकर जम्मू कश्मीर तक चारों तरफ हंगामा देखने को मिल रहा है. पूरे देश में वक्फ बिल के मुद्दे पर राजनीति गरमा हुई है. वहीं, मध्य प्रदेश में भी वक्फ बिल संशोधन का असर देखने को मिल रहा है. यहां सरकार ने नए कानून के तहत वक्फ संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है. आइए जानते हैं वक्फ बिल में संशोधन के बाद एमपी में क्या क्या बदलाव देखने को मिलेगा.
दरअसल, एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड के पास कुल 23,118 संपत्तियां हैं, जिनमें से करीब 14,986 संपत्तियों की जांच की जानी है. इसमें आवासीय, व्यावसायिक और अन्य प्रकार की बेशकीमती संपत्तियां शामिल हैं. वक्फ बोर्ड के इन संपत्तियों कुल कीमत खरबों में आंकी जा रही है. संशोधित वक्फ कानून में वक्फ संपत्तियों का सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया गया है. इन संपत्तियों का सत्यापन करने के बाद, सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा.
एमपी में संशोधन के बाद क्या क्या बदलेगा
मध्य प्रदेश में वक्फ की करीब 15 हजार संपत्तियों का वैरिफिकेशन किया जाएगा. वैरिफिकेशन के बाद इन्हें वक्फ असेट मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) पर अपलोड किया जाएगा. इसके बाद राजस्व विभाग की मदद से वक्फ संपत्तियों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा. संपत्ति अस्तित्व में है तो किस स्थिति में है, साथ ही ये भी देखा जाएगा कि वक्फ संपत्तियों की चारों दिशाओं में किस तरह के स्ट्रक्चर हैं या खाली मैदान हैं? जो वक्फ संपत्तियां 1970 से 1980 के बीच रजिस्टर्ड हुई थीं, उनका खसरा नंबर वो ही है या बंदोबस्त में बदल गया है. यह प्रकिया पूरी होने के बाद आखिरी में वक्फ की संपत्तियों से अवैध कब्जे, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
सत्यानपन का कार्य शुरू
केंद्र सरकार के संशोधित वक्फ कानून के तहत मध्य प्रदेश में सत्यापन का कार्य शुरू हो चुका है. राजधानी भोपाल के 81 गांवों में स्थित 777 संपत्तियों का सत्यापन पूरा हो चुका है. प्रदेश में करीब 14,986 संपत्तियों की जांच की जानी है. संशोधित कानून के तहत यदि वक् भोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है, तो उसका सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाएगा. वहीं, अगर किसी संपत्ति को लेकर वक्फ बोर्ड और आम लोगों के बीच विवाद चल रहा है तो उसका भी सत्यापन किया जाएगा.
वक्फ संशोधन बिल और पुराने वक्फ बिल में कुछ महत्वपूर्ण अंतर
नया वक्फ संशोधन विधेयक पुराने वक्फ कानून से कई मायनों में अलग है. पुराने कानून की धारा 40 वक्फ बोर्ड को किसी संपत्ति के वक्फ होने या न होने का निर्णय लेने की असीमित शक्ति देती थी, जिसे नए कानून में समाप्त कर दिया गया है. इसी तरह, वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को भी चुनौती देने का अधिकार दिया गया है, जबकि पहले यह अंतिम माना जाता था. इसके अतिरिक्त, वक्फ को जमीन दान करने के लिए दानकर्ता का कम से कम 5 साल से मुसलमान होना अनिवार्य कर दिया गया है, और सरकारी जमीनों को वक्फ संपत्ति मानने से छूट दी गई है.
पुराने कानून में सरकारी जमीनों को वक्फ संपत्ति माना जा सकता था, लेकिन नए कानून के अनुसार, सरकारी जमीन को वक्फ नहीं माना जाएगा. यदि कोई सरकारी जमीन गलती से वक्फ रिकॉर्ड में दर्ज हो गई है, तो उसका निर्णय जिलाधिकारी (कलेक्टर) करेंगे, न कि वक्फ बोर्ड. इन बदलावों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है, लेकिन विपक्ष ने इसे वक्फ बोर्ड के अधिकारों में हस्तक्षेप बताते हुए विरोध किया है.
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